रायपुर. छत्तीसगढ़ के जशपुर में भी 32 वर्षीय एक मजदूर पॉजिटिव मिला है। गया, बिहार निवासी इस मजदूर को लुड़ेग में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। यहां पर 70 मजदूर हैं। इससे पहले सूरजपुर में मंगलवार देर रात तक रैपिड टेस्ट जांच में पुलिस कांस्टेबल सहित 9 मजदूरों में संक्रमण मिला था। प्रदेश में अब एक्टिव केसों की संख्या 14 और संक्रमितों का आंकड़ा 48 पर पहुंच गया है।
दरअसल, महाराष्ट्र से लौटते समय सभी 300 मजदूरों को राजनांदगांव की सीमा पर पकड़ा गया था। इनमें ज्यादातर झारखंड और बिहार के हैं। 10 दिन पहले इन मजदूरों में से 106 मजदूरों को सूरजपुर के प्रतापपुर (जजावल) में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में भेज दिया गया था। बाकी को जगशपुर के आरा, लुड़ेग और महादेवदाड़ में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया गया था।
इससे पहले मंगलवार सुबह सूरजपुर के प्रतापपुर (जजावल) में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में झारखंड के गढ़वा जिले के 58 साल का श्रमिक संक्रमित मिला था। बाकी सभी 9 और लोग इसी के संपर्क में आए हैं। इन सबका रैपिड टेस्ट किया गया था। हालांकि संक्रमित मिले बाकी लोगों के सैंपल बुधवार को पुष्टि के लिए रायपुर भेजे गए हैं।
सूरजपुर जिले में जजावल इलाका सील
प्रदेश में विदेशी निवेश के लिए सरकार ने दी मंजूरी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के संबंध में उद्योग विभाग के प्रस्तावित कार्ययोजना को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। उन्होंने उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव को कुछ चुनिंदा सेक्टर के उद्योगों को छत्तीसगढ़ में आमंत्रित करने के लिए पत्राचार की बात कही। राज्य में ऑटोमोबाइल, आयरन और स्टील, भारी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक वायर और ऑप्टिकल फायबर, कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रानिक्स उद्योगों की स्थापना के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
उद्योगों में अभी 80% उत्पादन, राहत देने केंद्र से मांगी मदद
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, राज्य के उद्योगों से अभी 80 फीसदी उत्पादन हो रहा है। कच्चे माल की आपूर्ति, उत्पादन और विक्रय की बेहतर व्यवस्था हो सके, इसलिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी। सीएम ने फिक्की के पदाधिकारियों को बताया कि राज्य के लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को विशेष राहत देने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी गई है। सीएम ने कहा, उद्योग देश के ग्रीन जोन के जिलों में अपने उत्पादित माल की सप्लाई एहतियात बरतते हुए करें।
यह तस्वीर सड्डू के प्रयास हॉस्टल की है। कोटा से लाए गए छात्रों के लिए इसे क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां पर 281 छात्र हैं। जिनके रहने, खाने की व्यवस्था प्रशासन ने की है। इस सब पर 14 दिनों में करीब 46 लाख रुपए खर्च होंगे।
रायपुर : राजस्थान के कोटा से लौटे बिलासपुर के 720 छात्रों को पांच सेंटरों में क्वारैंटाइन किया गया है। 14 दिन बच्चे इन्हीं सेंटरों में रहेंगे। छात्रों के एक वर्ग ने एसी की मांग कर डाली, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया कि केंद्र से जारी एडवाइयजरी में क्वारैंटाइन के दौरान नहीं चलेगा। इन छात्रों को लाने में 1.25 करोड़ रुपए खर्च हुए। अब क्वारैंटाइन में 46 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने हर सेंटर का अलग वाॅट्सएप ग्रुप बनाया है। उसमें बच्चों के साथ मॉनीटरिंग करने प्रशासनिक अधिकारी जुड़े हैं।
बिलासपुर : अब केवल रविवार को ही संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा। हार्डवेयर, इलेक्ट्रिक, सैनेटरी, आटोमोबाइल्स, स्टेशनरी की दुकानें गुरुवार को खुलेंगी। आटोमोबाइल, टायर, पंक्चर की दुकान, इलेक्ट्रिकल, हार्डवेयर, स्टेशनरी, सैनेटरी, बिजली-पंखे की दुकान, निर्माण सामग्रियों जैसे-सीमेंट, सरिया की दुकानों को सप्ताह में प्रत्येक सोमवार, गुरुवार और शनिवार को सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक खुले रखने की अनुमति है।
बिलासपुर की यह तस्वीर मंगलवार की है। एक दिन पहले की इसलिए कि बुधवार को बाजार बंद है। ऐसे में यह नजारा देखने को मिला बृहस्पति बाजार में। कोई मानने को तैयार नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी जरूरी नहीं समझ रहे।
भिलाई : बीते 24 घंटे में स्वास्थ्य विभाग को जिले में कोरोना के 28 नए संदिग्ध और 6 संभावित मरीज मिले हैं। संदिग्धों को क्वारैंटाइन सेंटर और संभावितों को 14 दिनों की निगरानी के लिए आइसोलेशन सेंटर भेजा गया है। संभावितों की जांच के लिए उनका सैंपल लेकर रायपुर गया है। अब तक भेजे गए कुल 1351 सैंपलों में से 331 की रिपोर्ट आना बाकी है। कोटा से आए बच्चों की जांच हुई है, संक्रमण मुक्त मिले हैं। बीएसएफ जवानों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
रायगढ़: लॉकडाउन में जिले के ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के काम शुरू होने से राहत है, लेकिन शहर में रहने वाले मजदूर परिवार संकट में हैं। कोई काम शुरू नहीं होने से उनके सामने खाने तक का संकट हो गया है। रेलवे स्टेशन के पास कुछ मजदूर नमक भात खाकर गुजारा कर रहे हैं। लोगों के घरों में पिछले कई दिनों से चूल्हा नहीं जल सका है। ये कहते हैं शुरुआत में घर में रखा सामान कुछ दिन चल गया। फिर समाजसेवियों ने मदद की। अब कोई पूछने नहीं आता है।
रायगढ़ के स्टेशन रोड के पास ऐसे बहुत से परिवार हैं, जिनके घरों मे लंबे समय से चूल्हा नहीं जला है। कुछ नमक और चावल खा रहे हैं, कुछ को वह भी नसीब नहीं है। कहते हैं- सरकार गांव में तो मनरेगा में रोजगार दे रही है, लेकिन हम शहर में रहने वाले मजदूरों का क्या होगा। यहां तो सारे काम बंद हैं।
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