शिलॉन्ग/मुंबई/भुवनेश्वर. मेघालय हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस का कार्यभार ग्रहण करने के बाद मंगलवार को जस्टिस विश्वनाथ समद्दर ने खुद को होम क्वारैंटाइन कर लिया है। लॉकडाउन के बीच जस्टिस समद्दर सोमवार को 2 हजार किलोमीटर कार से शिलॉन्ग पहुंचे थे। रास्ते में ड्राइवर के थक जाने पर उन्होंने खुद भी कार ड्राइव की। सोमवार को ही उन्होंने मेघालय हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस का कार्यभार संभाला था। होम क्वारैंटाइन के बीच वह अपने आवास से ही जरूरी मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करेंगे। जस्टिस समद्दर शुक्रवार को कार से प्रयागराज से मेघालय के लिए निकले थे। शनिवार को वह कोलकाता पहुंचे थे। यहां कुछ घंटों आराम करने के बाद शाम को शिलॉन्ग के लिए निकले थे।
इलाहाबाद और कोलकाता हाईकोर्ट में संभाल चुके हैं जिम्मेदारी
जस्टिस समद्दर इसके पहले इलाहाबाद और कोलकाता हाईकोर्ट में अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अक्टूबर से वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में बतौर जज काम कर रहे थे। इसके पहले वह कलकत्ता हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। कुछ दिनों पहले ही राष्ट्रपति ने उन्हें मेघालय हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। यहां चीफ जस्टिस रहे मुहम्मद रफीक का ट्रांसफर चीफ जस्टिस ओड़िशा हाईकोर्ट के पद पर हो गया है।
लॉकडाउन के बीच तीन जजों ने कार से लंबी दूरी तय की
लॉकडाउन के कारण देशभर में रेल, सड़क और हवाई मार्ग बंद है। इसी के चलते तीन राज्यों के हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस का पदभार संभालने के लिए तीन जजों को कार से ही लंबी दूरी तय करनी पड़ी। तीनों जज अपने-अपने वाहनों से सड़क के रास्ते ही निकले। इसमें मेघालय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए जस्टिस विश्वनाथ समद्दर और मुंबई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए जस्टिस जस्टिस दीपांकर दत्ता ने करीब 2000 किमी की दूरी तय की। वहीं ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस मुहम्मद रफीक ने शिलॉन्ग से भुवनेश्वर के बीच करीब 1500 किलोमीटर का सफर तय किया। तीनों ने सोमवार को ही अपनी-अपनी जिम्मेदारियां संभाल ली हैं।
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