Sunday, 8th June 2025

कोरोना का कहर / उज्जैन में 7 और काेराेना पाॅजिटिव सामने आए, अब तक 126 लाेग काेराेना संक्रमित, 20 लाेगों की गई जान

Tue, Apr 28, 2020 6:06 PM

 

  • सोमवार को 13 में संक्रमण और तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, तीनों की रिपोर्ट आने के पहले ही मौत हो चुकी है
  • बड़नगर के वेद परिवार के चार लोग पॉजिटिव, इनमें 61 साल के बुजुर्ग, 61 साल की महिला और 54 साल की महिला शामिल
 

उज्जैन. शहर में सोमवार को 13 मरीज पॉजिटिव आने के बाद अगले ही दिन 7 और मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। इसके साथ ही जिले में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 126 हो गया है। वहीं, मौत का आंकड़ा 20 हो गया है। सोमवार को आई रिपोर्ट में तीन मरीज ऐसे हैं, जिनकी पहले मौत हो चुकी है। सीएमएचओ डॉ. अनुसुइया गवली ने बताया उज्जैन में पॉजिटिव पाए 3 मरीज बेगमबाग क्षेत्र के हैं, जिसमें एक महिला 30 साल, 45 साल के व्यक्ति, 32 साल की महिला है। इनके अलावा वल्लभ भाई पटेल मार्ग निवासी 61 साल की महिला पॉजिटिव पाई गई है। 40 साल की महिला निवासी बेगमबाग व 28 साल की महिला भी पॉजिटिव है। जिनमें 3 सदस्य आरआर टीम में शामिल डॉक्टर के परिवार के हैं।

बड़नगर के वेद परिवार के चार लोग पॉजिटि

बड़नगर के वेद परिवार के चार लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनमें 61 साल के बुजुर्ग, 61 साल की महिला व 54 साल की महिला शामिल है। इनके अलावा 7 साल का एक बच्चा और 60 साल की एक महिला भी संक्रमित पाई गई है जो कि बड़नगर के रहने वाले हैं। इनमें खजूरवाली मस्जिद क्षेत्र की 30 साल की महिला, बेगमबाग क्षेत्र के 49 साल के व्यक्ति और बड़नगर के 67 साल के बुजुर्ग की मौत हो चुकी है।

जिले में प्रत्येक 19वें संदिग्ध मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि
उज्जैन जिले में प्रत्येक 19वें संदिग्ध मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने 35 दिन यानी सोमवार तक 2666 लोगों के सैंपल लिए। इसमें से 2259 की रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें 120 पॉजिटिव मिले। अभी 407 मरीजों की रिपोर्ट आना बाकी है। यदि पॉजिटिव आने की रफ्तार यही मानी जाए तो 407 में से 20 से ज्यादा मरीज और संक्रमित मिल सकते हैं। इधर, स्वास्थ्य विभाग राेज औसतन 100 से ज्यादा लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रहा है। अच्छी बात यह है कि पुलिस और प्रशासन की सख्ती के चलते शहर का ज्यादातर हिस्सा कोरोना संक्रमण से बचा हुआ है।

शहर के ये हैं कोरोना संक्रमित क्षेत्र
जानसापुरा, अंबर कॉलोनी, केडीगेट, कमरी मार्ग, दानी गेट, रामप्रसाद भार्गव मार्ग, नीलगंगा पुलिस क्वार्टर, कोट मोहल्ला, अमरपुरा तोपखाना, नागौरी मोहल्ला तोपखाना, बेगमबाग कॉलोनी, गांधी नगर, न्यू गीता कॉलोनी रविंद्रनाथ टैगोर मार्ग, सरदार पटेल कॉलोनी, शिकारी गली, श्रीपाल मार्ग नईपेठ, निकास चौराहा, निजातपुरा, हेलावाड़ी, जबरन कॉलोनी, कामदारपुरा, सिंहपुरी, मोतीबाग, सांई विहार कॉलोनी, बंगाली कॉलोनी, मुनिनगर, महानंदानगर।

जिले के ये शहर भी चपेट में: नागदा, महिदपुर, बड़नगर

  • पुलिस-प्रशासन की सख्ती के कारण केस कम हुए लेकिन कंटेनमेंट एरिया में संक्रमण फैलने से रोक नहीं पाए
  • 35 दिन में एक से बढ़कर शहर के 27 इलाकों और नागदा, महिदपुर, बड़नगर तक पहुंच गया कोरोना

5 खामी, जिससे बढ़ गए कोरोना मरीज

  • कंटेनमेंट क्षेत्र के भीतर लोग गलियों में घूमते रहे, इन्हें पुलिस नहीं रोक पाई।
  • जिन्हें होम क्वारेंटाइन किया, उनसे भी पूरी तरह पालन नहीं करा सके।
  • कंटेनमेंट क्षेत्र से निकल डॉ.महाडिक जैसे लोग ग्रीन अस्पताल और अन्य जगह पहुंचे, इससे संक्रमण बढ़ा।
  • संक्रमित डॉक्टर, नर्स इलाज करते रहे, स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते उन पर ध्यान नहीं दिया।
  • कंटेनमेंट एरिया में सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी का निर्णय देर से लिया, तब तक यहां संक्रमण फैल गया था।

5 काम, जिससे नए शहर में नहीं फैला कोरोना

  • सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराया, सड़कों पर निकलने वालों को जेल भिजवाया।
  • सब्जियों और फलों के ठेले बंद कराए। इससे तेजी से फैल रहा संक्रमण रुक गया।
  • दूध डेयरियां और किराना दुकानें बंद कराई, इससे लोगों को घरों से निकलने का बहाना नहीं मिला।
  • कंटेनमेंट एरिया की सख्त बैरिकेडिंग की, इससे इस क्षेत्र के लोग दूसरी जगह नहीं पहुंच पाए।
  • डोर-टू-डोर सर्वे कर कोरोना संदिग्ध लोगों को खोजा, समय रहते इलाज करा दिया।

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