बिलासपुर. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी सिम्स में कोरोना जांचने के लिए नई कियाेस्क मशीन लगेगी। अब यहां भी दक्षिण कोरिया की तर्ज पर कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच हो सकेगी। डॉक्टरों के लिए यह कियोस्क काफी उपयुक्त है। इसके बाद पीपीई किट की जरूरत कम पड़ेगी और वे सुरक्षा घेरे में रहकर कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के सैंपल ले सकेंगे। इससे उन्हें संक्रमण का खतरा कम होगा।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में इसकी शुरुआत अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज से की है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर छत्तीसगढ़ के लोगों को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने इस मशीन को काफी उपयोगी भी बताया है। अंबिकापुर के बाद राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज और दूसरे अस्पतालों में भी इसे स्थापित कराने की योजना बन रही है। सिम्स में यह आ चुकी है और इसके इंस्टॉलेशन का काम अभी बाकी है।
डॉक्टरों की ओके रिपोर्ट के बाद इसकी उपयोगिता प्रमाणित होगी
यह कियोस्क सभी जिलों को भेज दी गई है। प्राथमिक तौर पर डॉक्टर इस सुरक्षा घेरे के भीतर रहकर कोरोना संभावित मरीजों की जांच करेंगे और देखेंगे कि इससे वे संभावित मरीजों से कितनी दूरी बना पा रहे हैं। डॉक्टरों के इस्तेमाल के बाद ही इसकी प्रमाणिकता सिद्ध होगी। इसके चलते ही उन्होंने इसे पहले इंस्टॉल कराने और इसके बाद इस पर काम शुरू करने की योजना तैयार की है।
डॉक्टरों की ओके रिपोर्ट के बाद हर जगह अमल करेंगे
डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए यह कियोस्क काफी हद तक उपयुक्त माना जा रहा है। हमने मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में इसे स्थापित कराने का निर्णय लिया है। डॉक्टरों द्वारा यह बताने के बाद की यह संक्रमण से बचाव को लेकर कितना उपयुक्त है लागू किया जाएगा। सिम्स के लिए भी इसे भेजा है।
-टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़
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