Sunday, 8th June 2025

कोरोनावायरस / मंडीदीप में इंदौर से लौटकर आई छात्रा रिपोर्ट आई पॉजिटिव, रायसेन जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 33

Mon, Apr 27, 2020 6:40 PM

 

  • रविवार को कोरोना के 6 नए केस फिर सामने आए थे, सोमवार सुबह मंडीदीप की छात्रा के संक्रमित होने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या 33 पर पहुंच गई है
  • कोरोना से एक की मौत होने और दो नए केस मिलने के बाद कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने रायसेन शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया है
 

रायसेन. जिले के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में एक छात्रा की सोमवार सुबह रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसी के साथ जिलें में संक्रमित मरीजों की संख्या 33 पर पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में जिले में सात नए मरीज मिल चुके हैं। करीब 150 लोगों की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। बताया जा रहा है कि मंडीदीप में जिस छात्रा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है वो इंदौर में कोचिंग कर रही थी। लॉकडाउन के दौरान ही छात्रा मंडीदीप वापस आई थी।

डॉक्टरों के कहने पर परिवार वालों ने उसे होम क्वारैंटाइन कर दिया था। सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायत के बाद परिजन उसे भोपाल के जेपी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां से उसे एम्स रेफर कर दिया गया था। छात्रा एम्स में ही एडमिट है। छात्रा के संक्रमित होने की पुष्टि के बाद परिवार के सभी सदस्यों को क्वारैंटाइन किया गया है। छात्रा के निवास स्थान के आसपास के इलाके को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम आज दोपहर बाद यहां सक्रीनिंग काम शुरू करेगी।


रविवार को आए थे छह मामले 

रविवार को कोरोना के 6 नए केस फिर सामने आए थे। सोमवार सुबह मंडीदीप की छात्रा के संक्रमित होने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या 33 पर पहुंच गई है। इस तरह कोरोना से एक की मौत होने और दो नए केस मिलने के बाद कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने रायसेन शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया है। दो भाईयों की मौत होने के बाद उनके संपर्क में आए लोगों की प्रशासन जानकारी जुटा रहा है। मृतक परिवार के घर से आने वाले भोजन के पैकेट खाने वाले 57 पुलिसकर्मियों को होम क्वारेंटाइन में भेज दिया गया है। इतना ही नहीं रात में जिस युवक की मौत हुई है, उसकी पत्नी को भी रात में ही चिरायु अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। पति के संपर्क में आने उसमें भी कोरोना जैसे लक्षण दिखाई देने लगे थे। व्यापारी के बड़े बेटे की पत्नी का भी भोपाल में ही इलाज चल रहा है। वहीं मृतक दोनों भाइयों के माता-पिता को भी प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिहाज से एम्स में शिफ्ट करा रहा है। वहीं शहर में कर्फ्यू लगा है, इसलिए आसपास के थानों से पुलिस बल को बुलाकर कानून व्यवस्था को बनाया जा रहा है। रायसेन को कोरोना मुक्त बनाने के लिए जनता का सहयोग भी चाहिए।

लोगों को करते थे जागरूक और खुद ही हो गए संक्रमित
मृतक छोटा भाई शहर में कोरोना के संक्रमण को लेकर सतर्क था और फेसबुक पर भी अपने मित्रों के लिए पोस्ट डालता रहता था। उन्होंने 13 अप्रैल को अपने एफबी पोस्ट में लिखा था कि रायसेन में मिले 3 और कोरोना पॉजिटिव, इसी दिन एक पोस्ट में लिखा कि कोरोना हमें सिखाता है कि संयुक्त परिवार के संस्कार भारत के पास हैं। सहयोग के लिए साथ खड़े हैं, पैसा और स्टेटस सिंबल जिंदगी नहीं बचा सकता, परिवार के लिए समय निकालिए, देश में शिक्षा लेकर दूसरे देश में सेवा उचित नहीं है। 16 अप्रैल की पोस्ट में उन्होंनेे लिखा है। रायसेन में फिर मिले 3 कोरोना पॉजिटिव मरीज। इससे पहले 28 मार्च को उन्होंने अपनी एफबी प्रोफाइल पिक्चर में स्टे एट हाेम भी लिखा हुआ है।

टिफिन सेंटर पर काम करने वाले लोगों में 19 को किया क्वारैंटाइन
शहर के महामाया चौक पर रहने वाले जिस परिवार में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर दो लोगों की मौत हुई है। उनके टिफिन सेंटर पर कई महिलाएं और पुरुष काम कर रहे हैं। यहां काम करने वाले 19 लोगों को भी कोरोना संदिग्ध मानते हुए शहर के राहुल नगर स्थित अनुसूचित जाति छात्रावास में क्वारैंटाइन कराया गया है। इनमें 8 महीने के बच्चे से लेकर 40 साल तक की महिलाएं शामिल हैं। इन्हें परिवार सहित क्वारैंटाइन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के टीम ने इन सभी का जांच के लिए सैंपल भी लिए हैं। क्वारेंटाइन किए लोगों में चौपड़ा मोहल्ला, पटेलनगर और राहुल नगर के लोग हैं।

परिवार की हिस्ट्री: 4 महिलाएं और 1 हलवाई आता था भोजन बनाने
महामाया चौक निवासी मृतक का परिवार घर से टिफिन सेंटर चलाता था। उनके यहां पर भोजन बनाने के लिए एक हलवाई और चार महिलाओं को रखा गया था। चारों महिलाएं शहर के उन वार्ड से ताल्लुक रखती है, जहां पर पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके है। वे उन्हें क्षेत्रों से आकर यहां पर भोजन बनाने का काम कर रही थी।

13 सदस्यों का है परिवार
मृतक दोनों भाइयों सहित 13 लोगों का परिवार है। जिसमें 45 वर्षीय मृतक की पत्नी और दो बच्चे है, जबकि दूसरे मृतक भाई की पत्नी और एक बेटा है। तीसरे भाई की पत्नी की 12 दिन पहले ही डिलीवरी हुई है, उसका भी एक बेटा है। इसके अलावा माता-पिता सहित यह सभी 13 लोग एक ही घर में निवास कर रहे थे।

घर से ही पुलिस वाहन ले जाता था भोजन के पैकेट
दोनों मृतक भाइयों का घर शहर के बीच महामाया चौक पर स्थित है। यहां पर उनके पिता के साथ बड़ा बेटा टिफिन सेंटर चलाता था। लॉकडाउन लगने के बाद उसे पुलिस विभाग के लिए लंच पैकेट उपलब्ध कराने का ऑर्डर मिला था। उनके घर पर पुलिस का वाहन रोजाना आता था और भोजन के पैकेट लेकर चला जाता था।

कार्रवाई: जिला अस्पताल के ड्रेसर को किया निलंबित
जिला अस्पताल में पदस्थ नरेश मालवीय जो कि ड्रेसर के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने मृतक 20 अप्रैल को बड़े भाई का अपने घर पर इलाज किया और ड्रिप भी लगाई। जबकि मृतक को कोरोना संक्रमण जैसे सभी लक्षण थे। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने उन्हें निलंबित कर दिया गया है।


गणित का अच्छा टीचर था छोटा भाई
शनिवार-रविवार को व्यापारी के छोटे बेटे की भी कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। छोटा बेटा गणित का बहुत अच्छा टीचर था, जिसने 18 मार्च तक बच्चों को ट्यूशन पढ़ाई थी, जबकि वह वर्तमान में ऑनलाइन तरीके से छात्रों को कोचिंग दे रहा था। शहर में गणित का अच्छा टीचर होने का ही परिणाम है कि उसके द्वारा पढ़ाए गए कई युवक प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे है।


वार्ड नं. 6 में फिर मिले 2 कोरोना पॉजिटिव
रविवार को जो नई रिपोर्ट आई है, उसमें शहर के वार्ड क्रमांक 6 में दो नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले है। इस वार्ड में 8 अप्रैल को पहला कोरोना मरीज मिला था। इसके बाद इस वार्ड से लगे अन्य वार्ड की सीमाओं को सील करके कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया है। इस वार्ड में 8 अप्रैल से लेकर अब तक कोरोना के 7 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं।

जो हाईरिस्क में आए, उनकी करवा रहे जांच
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि शहर में दो लोगों की मौत हुई है, उनमें से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनके माता-पिता को एम्स भोपाल भेजा जा रहा है। जबकि परिवार के अन्य सदस्यों को क्वारेंटाइन कर उनकी निगरानी की जाएगी। उनके संपर्क में भी लोग आए है, उनका पता लगाया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण की चैन कहां से बनी, उसकी की जानकारी जुटाई जा रही है। लोगों से अनुरोध है कि उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो तो उसे न छुपाए, बल्कि उसे बताकर उसका इलाज करवाएं। ताकि रायसेन को कोरोना मुक्त जिला बनाया जा सकें।

फ्लेश बैक: डॉक्टरों से भी हुई है चूक
ऐसा नहीं है कि मृतक बीमार होकर अपने घर में बैठे रहे हों और किसी को खबर ही न हो पाई हो। मृतक बड़ा भाई 17 अप्रैल को शहर के निजी अस्पताल में इलाज करने के लिए पहुंचा। वहां भी डॉक्टर ने उसका सामान्य बुखार समझकर ही इलाज किया। उसके बाद 20 अप्रैल को सुबह 9.20 मिनट पर बड़े भाई जिसकी 24 अप्रैल को सुबह मौत हुई है, वहां जांच कराने जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां सामान्य बीमारी की दवाइयां देकर डॉक्टर न वापस घर भेज दिया। इसके बाद अप्रैल को स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद फिर वह जांच जिला अस्पताल पहुंचा वहां भी डॉक्टरों ने उसे आइसोलेशन में रखने की जगह जनरल वार्ड में भर्ती करा दिया गया। हालत अधिक बिगड़ जाने के बाद भोपाल रेफर कर दिया गया। जहां हमीदिया अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इसके बाद कोचिंग पढ़ाने के वाले छोटे भाई की तबियत बिगड़ी तो उसे भी भोपाल रेफर किया गया। जहां उसकी मौत हो गई।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery