रायपुर. आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए ‘चकमक अभियान‘ और ‘सजग कार्यक्रम‘ प्रदेश में शनिवार को शुरु किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को इसे लाॉन्च किया। महिला बाल विकास विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से इसे तैयार किया गया है। लाॅकडाउन के कारण इन दिनों आंगनबाड़ी बंद हैं। एेसे में इस कार्यक्रम के द्वारा बच्चों को घरों में ही परिजन के साथ रचनात्मक गतिविधियों के द्वारा सिखाने की पहल की जाएगी। यूनिसेफ की भारत की प्रमुख यास्मिन अली हक नई दिल्ली स्थित अपने घर से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुईं, साथ ही कार्यक्रम की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ का यह माॅडल देश के लिए उदाहरण होगा। यास्मिन ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से कोविड-19 के प्रसार को रोकने में सफलता हासिल हुई है। प्रदेश के 81 प्रतिशत जिले ग्रीन जोन में हैं। छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा 24 लाख हितग्राहियों को घर-घर जाकर पोषण आहार वितरण, बच्चों के लिए रेडी टू-ईट सामग्री और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में सूखा राशन वितरण का उल्लेख कर कहा कि इससे महिलाओं एवं बच्चों को पोषण की पूर्ति में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ छत्तीसगढ़ सरकार के एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में मिलकर काम करेगा।
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