रायपुर. इंजीनियरिंग और मेडिकल की परिक्षाओं की तैयारी करने कोटा गए छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट्स अब लौट सकेंगे। कोटा से बच्चों को वापस लाने के लिए 75 एसी बस को शुक्रवार को रवाना किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के पस 2500 बच्चों की लिस्ट है, जिन्हें वापस लाया जा रहा है। इन सभी बसों को पुलिस अधिकारी अंशुमान सिसोदिया के नेतृत्व में भेजी जा रही हैं। हर बस में एक इंस्पेक्टर और पुलिस के पुरुष-महिला जवान भी होंगे।
रायपुर के पुलिस ग्राउंड मेंं शहर के अलग-अलग कोनों से बस पहुंचीं। इन्हें यहां से एक-एक कर रवना किया गया। कुछ बसों को बिलासपुर से भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, सभी बस कवर्धा, मध्यप्रदेश के मंडला और बीना के रास्ते कोटा राजस्थान पहुंचेंगी। शनिवार शाम 5 बजे तक बस का राजस्थान पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद देर रात बस छात्रों को लेकर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगी। सरकार के इस कदम के बाद अब सोशल मीडिया में बहुत से लोगों ने सवाल खड़ा किया है कि कोटा के अलावा भी देश के कई हिस्सों में छत्तीसगढ़ के लोग फंसे हुए हैं। इनमें गरीब मजदूर भी शमिल हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीटर पर इसके जवाब में लिखा- सभी को वापस लाएंगे
शुक्रवार को राज्य सरकार ने कोटा में फंसे बच्चों को वापस लाने का फैसला लिया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका ऐलान ट्वीटर पर किया। उन्होंने लिखा- लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ लाने के लिए बस भेजी जा रही है। विद्यार्थियों को जल्द छत्तीसगढ़ लाया जाएगा।
केंद्र से भी मिली अनुमति
इस बारे में आपदा प्रबंधन मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान की सरकार और प्रशासन से हमने बात कर ली थी। मगर, केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी अनुमति जरूरी थी। अब यह अनुमति मिल गई है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि इसे लेकर यदि केंद्र सरकार से पहले ही अनुमति मिली होती तो हम काफी पहले ही अपने राज्य के बच्चों को वापस ला सकते थे।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने मांगा था जवाब
छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट्स सोशल मीडिया के जरिए सरकार ने घर वापसी की मांग कर रहे थे। इस बीच, बिलासपुर हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका भी दायर की गई थी। इस मामले में कोर्ट ने पूछा है कि वहां फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए सरकार क्या कर रही है। सरकार को 27 अप्रैल तक पक्ष रखने को कहा गया है।
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