फरीदाबाद. फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग में 21 अप्रैल को उस समय हड़कंप मच गया जब एक बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और वह अपने दिए गए पते पर नहीं मिली। तफ्तीश हुई तो पता चला कि महिला ने अपना पता गलत लिखवाया था। यह देख स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पैर फूल गए। आनन-फानन में पुलिस, सीआईडी और स्वास्थ्य विभाग की टीमें दौड़ाई गई। करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद महिला एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाते हुए मिली। अब स्वास्थ्य विभाग ने महिला समेत उसके परिवार के 6 सदस्य और प्राइवेट अस्पताल के 25 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।
यूं सिलसिलेवार चला पूरा घटनाक्रम
68 वर्षीय एक महिला सर्दी, खांसी, जु़खाम होने पर 18 अप्रैल को बल्लभगढ़ स्थित निजी अस्पताल में भर्ती हुई थी। डॉक्टरों की सलाह पर वह 19 अप्रैल को बीके अस्पताल के कोरोना का सैंपल देने पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में अपना गलत नाम-पता लिखवा दिया। मंगलवार को जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम दिए गए पते पर पहुंची।
पता चला उस नाम की कोई महिला वहां नहीं रहती है। इससे विभाग में हड़कंप मच गया। तुरंत महिला की तलाश में पुलिस और सीआईडी की मदद ली गई। जिस कैली गांव का जिक्र महिला ने पते पर किया था वहां के सरपंच को भी बुलाया गया। काफी पूछताछ के बाद पता चला कि महिला बड़खल में रहने वाली है। कैली गांव में उसके बेटे का वर्कशॉप है।
इसके बाद टीम बड़खल पहुंची तो पता चला कि वह बल्लभगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती है। टीम अस्पताल में पहुंची तो वहां उसे क्वारैंटाइन किया गया था। अब स्वास्थ्य विभाग ने उस महिला के परिवार से सभी 6 सदस्यों समेत अस्पताल के 25 कर्मचारियों को क्वारैंटाइन कर दिया है। महिला ने गलता पता क्यों लिखवाया यह अभी स्पष्ट नहीं है।
फरीदाबाद में मरीजों की संख्या पहुंची 43
महिला के पॉजिटिव मिलने पर फरीदाबाद में मरीजों की संख्या 43 हो गई है। हालांकि इनमें से 22 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 21 लोगों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। साथ ही लोगों को घरों में रहने की अपील की जा रही है। रेड जोन घोषित सभी 13 क्षेत्रों में रोजाना सर्दी, खांसी, बुखार पीड़ितों का सर्वे कराया जा रहा है
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