नई दिल्ली. कोरोनावायरस की टेस्टिंग को लेकर सरकार ने मंगलवार को सफाई दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से बताया गया कि रैपिड टेस्ट किट को लेकर एक राज्य की और से शिकायत मिली थी। दो दिन तक इस किट के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। अगले दो दिन में आठ इंस्टीट्यूट की टीमें फील्ड में भेजी जाएंगी। ये टीमें में इन किटस की जांच करेंगे। अगर इनमें खराबी आती है तो इन्हें वापस किया जाएगा। वहीं देश में रिकवरी रेट बढ़कर 17.48% हो गया है। अब तक देश में 3252 संक्रमित ठीक हुए हैं।
आईसीएमआर के मुताबिक, मंगलवार तक 4 लाख 49 हजार 810 सैंपल टेस्ट हुए। पॉजिटिव सैंपल में बहुत वैरिएशन है और इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता। सोमवार को 35 हजार 852 टेस्ट किए गए। 29 हजार 776 सैंपल आईसीएमआर की 201 लैब और 6076 टेस्ट 86 प्राइवेट लैब में किए गए।
कोविड से लड़ाई में जुटे लोगों डेटा तैयार
गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि सरकार ने दो पोर्टल भी बनाए हैं। इसमें एक covidwarriors.gov.in है। इसमें 1 करोड़ 24 लाख वॉलंटियर जुड़ चुके हैं। राज्य और जिला स्तर के को-ऑर्डिनेटर उपलब्ध है। मंत्रालय ने 20 कैटेगरी और 49 सब कैटेगरी शामिल किया है। जिला स्तर का डेटा सभी लोग देख पाएंगे, लेकिन कुछ विवरण सिर्फ अधिकारी देख पाएंगे। 201 सरकारी अस्पतालों, 49 ईसीआईसी के अस्पताल, रेलवे के 50 अस्पताल और 12 पोर्ट के अस्पतालों का विवरण इस पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया है।
कोरोना से बचाव के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण:
अस्पतालों के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल बनाया
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अभी तक 18601 पॉजिटिव केस आए हैं। 3252 लोग ठीक भी हुए हैं। इसके साथ ही हमारा रिकवरी रेट 17.48 प्रतिशत हो गया है। सबसे ज्यादा 705 लोग सोमवार को रिकवर हुए। कल से 1336 अतिरिक्त पॉजिटिव केस आए हैं। तीन जिले में 28 दिनों से कोई मामला नहीं आया है। इसमें एक और जिला राजस्थान का प्रतापगढ़ शामिल हो गया है। कुछ ऐसे मामले आए हैं, जिनमें कोविड का इलाज करने वाले अस्पतालों को बंद किया गया है। कोविड का इलाज नहीं करने वाले कुछ अस्पतालों में भी संक्रमित मिले हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल तैयार किया है। जिस अस्पताल में इस प्रकार के केस आएंगे वहां पर सावधानी बरतते हुए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को सात दिनों तक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में रखा जाएगा।
कोराेना पर इंटर मिनिस्ट्रियल टीमें गठित
राज्यों के भीतर मजदूरों की आवाजाही के लिए एसओपी जारी किया गया था। मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर लॉकडाउन लागू कराने पर निगरानी कर रही है। राज्यों में कोरोना की स्थिति का जायजा लेने के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल 6 टीमें गठित की गई हैं। इनमें वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है। इनकी विशेषज्ञता को हम राज्यों के साथ साझा करना चाहते हैं। इससे कोरोना से लड़ने में मदद मिली है। कई स्थानों पर सहूलियत देने के बाद अच्छी शुरुआत हुई है। कुछ जगहों पर मनरेगा, ग्रामीण उद्योग और इंट भट्ठों पर काम चालू हुआ है। मनरेगा और दूसरे कामों में मजदूरों को लगाया जा रहा है। हमें यह जानकर खुशी हुई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जागरूक हुए हैं।
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