कांकेर. प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान आपात स्थिति में बाहर आने-जाने वालों की सुविधा के लिए ई-पास व्यवस्था की गई है। रोजाना बड़ी संख्या में लोग आवेदन करते कई कारण बता रहे हैं। कोई डिलीवरी के लिए गर्भवती महिला को बाहर ले जाना चाहता है तो किसी को लॉकडाउन में फंसे रिश्तेदारों से मिलना है। कोई सुविधा होने के बाद भी मानसिक इलाज कराने बाहर जाना चाहता है। अधिकतर आवेदन प्रथम दृष्टया वाजिब नहीं लगे। वाजिब कारण या दस्तावेज नहीं होने के कारण पिछले 7 दिनों में ई-पास के लिए आए कुल 477 में से 279 आवेदनों को खारिज कर दिया गया। 198 आवेदन ही स्वीकृत हुए। इनके अलावा कई आवेदन आए जिसमें बच्चों को लाने भोपाल, इंदौर, भिलाई, कोटा, नागपुर जाने अनुमति मांगी गई।
नागपुर से लौटी महिला में दिखे लक्षण, अस्पताल के बाहर वैन में लिया सैंपल
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण व्यक्तियों की जांच तेजी से की जा रही है, राजनांदगांव से लगे बेमेतरा के गंडई में 10 दिन पहले एक महिला समेत 3 लोग नागपुर से घर लौटे। पिछले कुछ दिनों से महिला को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने लगी। इसके बाद गांव के मेडिकल ऑफिसर ने इसकी सूचना दी। महिला को 108 एंबुलेंस में ही जांच के लिए राजनांदगांव के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज लाया गया। कोरोना संक्रमण के लक्षण को देखते हुए अस्पताल के बाहर ही 108 की वैन में महिला का सैंपल कोरोना टेस्ट के लेकर रायपुर एम्स भेजा गया। टेस्ट लेने वाले डॉ. प्रफुल्ल ताम्रकार ने बताया कि अन्य मरीजों से दूर वैन में इस तरह के टेस्ट का लैब बनाया गया है। उस महिला को अलग से अस्पताल में अाइसोलेटेड वार्ड में में रखा गया है, उसके साथ आने वाले परिवार के 2 लोगों को भी यहां रखे हैं, उनका भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा। यहां मेडिकल कॉलेज में 6 डॉक्टर समेत नर्स व अन्य मेडिकल स्टॉफ के 22 लोगों को अलग से 28 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखे हैं।
बस्तर में दोनों की रिपोर्ट निगेटिव ; टीबी का मरीज था मृतक, दोरनापाल के युवक को सामान्य बुखार
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण व्यक्तियों की जांच तेजी से की जा रही है, राजनांदगांव से लगे बेमेतरा के गंडई में 10 दिन पहले एक महिला समेत 3 लोग नागपुर से घर लौटे। पिछले कुछ दिनों से महिला को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने लगी। इसके बाद गांव के मेडिकल ऑफिसर ने इसकी सूचना दी। महिला को 108 एंबुलेंस में ही जांच के लिए राजनांदगांव के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज लाया गया। कोरोना संक्रमण के लक्षण को देखते हुए अस्पताल के बाहर ही 108 की वैन में महिला का सैंपल कोरोना टेस्ट के लेकर रायपुर एम्स भेजा गया। टेस्ट लेने वाले डॉ. प्रफुल्ल ताम्रकार ने बताया कि अन्य मरीजों से दूर वैन में इस तरह के टेस्ट का लैब बनाया गया है। उस महिला को अलग से अस्पताल में आइसोलेटेड वार्ड में में रखा गया है, उसके साथ आने वाले परिवार के 2 लोगों को भी यहां रखे हैं, उनका भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा। यहां मेडिकल कॉलेज में 6 डॉक्टर समेत नर्स व अन्य मेडिकल स्टॉफ के 22 लोगों को अलग से 28 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखे हैं।
बस्तर में दोनों की रिपोर्ट निगेटिव ; टीबी का मरीज था मृतक, दोरनापाल के युवक को सामान्य बुखार
एक दिन पहले एक कोरोना संदिग्ध की मौत और दिल्ली से लौटे दोरनापाल के एक युवक की तबीयत खराब होने के बाद बस्तर में हड़कंप मच गया था। इन दोनों को कोरोना संदिग्ध माना जा रहा था लेकिन दोनों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है इसलिए अब भी बस्तर सुरक्षित है। यही नहीं, दंतेवाड़ा के कटेकल्याण के तेलम में रहने वाले युवक की तो पुरानी बीमारी की हिस्ट्री भी निकल गई है और संभवत: उसकी मौत पुरानी बीमारी के कारण ही हुई है। वहीं देवा को निमोनिया भी हो गया था।
सिविल सर्जन जिला अस्पताल दंतेवाड़ा डॉ. एमके नायक ने बताया कि तेलम निवासी देवा पिता जोगा को 12 अप्रैल को शाम 5 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देवा टीबी का पुराना मरीज था और कार्डियोमेगेली से पीड़ित होने के साथ ही निमोनिया से भी ग्रसित था। डॉ. नायक ने बताया कि देवा मिर्ची तोड़ने के लिए भद्राचलम गया था और उसकी यात्रा विवरण को ध्यान रखते हुए देवा को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। यही कारण है कि जब उसे मेकॉज भी लाया गया तो उसे संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया था।
इधर दोरनापाल के जिस युवक को कोरोना संदिग्ध माना जा रहा है उसकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। उसे सर्दी, खांसी, बुखार सहित अन्य बीमारियां किसी दूसरे कारण से हो रही है। अब स्थानीय डाॅक्टर उसका अलग से इलाज करेंगे। गौरतलब है कि दो संदिग्धों के मिलने के बाद पूरे संभाग में इसे लेकर हडकंप मचा हुआ था और सभी एहतियात बरत रहे थे।
चरचा कॉलरी में नगर पालिका कार्यालय के पास क्वारेंटाइन सेंटर बनाने पर लाेगों ने किया हंगामा
चरचा कॉलरी में नगर पालिका कार्यालय के पास आबादी के बीच बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर का विरोध किया जा रहा है। सेंटर में रखे गए 1 परिवार के 6 लोग कटघोरा से लौटे हैं, जिन्हें जिला मुख्यालय से यहां शिफ्ट किया गया है। रिहायशी इलाके में संदिग्धों को रखे जाने से लोगों में भय के साथ बेहद गुस्सा है। सोमवार की रात यहां स्थानीय लोगों के साथ 2 यूनियन के पदाधिकारी और राजनीतिक पार्टी के लोगों ने क्वारेंटाइन सेंटर का जमकर विरोध किया। मौके पर पहुंचे एसपी चंद्रमोहन सिंह ने लोगों को शांत कराया।
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