छत्तीसगढ़ के कटघोरा में कोरोना संक्रमण के 22 केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि अभी हमारे पास संसाधनों की कमी है। बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन और रैपिड टेस्ट ही कर रोका जा सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार और किट मुहैया कराए।
रायपुर. कोरोना के हॉटस्पॉट बने कोरबा जिले के कटघोरा कस्बे ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश में मिले अब तक 31 संक्रमितों में अकेले 22 मामले कटघोरा से हैं। इसके बाद प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। सभी के सैंपल लेकर टेस्ट कराए जा रहे हैं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट कर दिया है कि केस बहुत ज्यादा सामने आते हैं तो अभी संसाधन नहीं हैं।
एम्स में 500 बेड, जरूरत पड़ी ताे 2-3 हजार और बढ़ाए जा सकते हैं
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने का रास्ता लॉकडाउन और रैपिड टेस्ट ही है। उन्होंने फिर दोहराया कि लॉकडाउन के जरिए संक्रमण बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास संसाधन नहीं हैं। जो टेंडर में शामिल हो रहे थे, वे भी अमेरिका चले गए। हमने केंद्र सरकार से टेस्टिंग किट मुहैया कराने की मांग रखी है। इसकाे लेकर कैबिनेट में भी चर्चा की गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- एम्स में फिलहाल 500 बेड की व्यवस्था है। वहां 622 वैंटिलेटर हैं। अगर तेजी से मामले बढ़े, तो बहुत ज्यादा और तेजी से व्यवस्था करना संभव नहीं होगा। हम अभी 2-3 हजार बेड और बढ़ा सकते हैं। अगर इस सीमा को पार किया जाता है तो हालात संभालने मुश्किल होंगे। इसके लिए जरूरी है कि राज्य की सीमाओं का न खोला जाए। लोगों के ज्यादा से ज्यादा टेस्ट हों।
कटघोरा में एक संक्रमित और 5 दिन में 21 मामले
कोरबा के कटघोरा कस्बे में तब्लीगी जमात का 16 वर्षीय सदस्य सबसे पहले 4 अप्रैल को कोराेना संक्रमित मिला था। बाहर से आए जमातियों की लापरवाही, झूठ ने इसे विस्तार दे दिया। इसके बाद इसी किशोर के संपर्क में आकर महज पांच दिनों के अंदर 21 लोग संक्रमित हो गए। प्रशासन के निर्देशों का न मानने और सच्चाई छिपाने के कारण संक्रमण फैलता चला गया।
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