Monday, 4th August 2025

कोरोना संक्रमण के चार चरण / वैज्ञानिकों के मुताबिक- जब 30% मामलों में संक्रमण का स्रोत पता न चले, तब आता है तीसरा चरण

Wed, Apr 1, 2020 5:15 PM

 

  • देश में लगातार बढ़ती मरीजों की संख्या से संक्रमण के तीसरे चरण को लेकर आशंका बढ़ रही है
  • सरकार का दावा है कि तीसरा चरण न आए, इसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं

 

नई दिल्ली. देश में कोरोनावायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच कई मीडिया रिपोर्ट्स इस महामारी की तीसरी स्टेज आने की आशंका जताने लगी हैं। हालांकि, सरकार इससे इनकार कर रही है। सरकार का दावा है कि तीसरी स्टेज न आए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार जब 30% मामलों में संक्रमण का सोर्स पता ना चले, तब महामारी की तीसरी स्टेज मानी जाती है।

देश में बीमारी के चार चरण, देखिए कैसे बढ़ता जाता है असर

पहली स्टेज : विदेश से आए लोग वायरस लाते हैं : पहले चरण में वायरस विदेश यात्रा कर लौटे लोगों या विदेश से आए लोगों से उस देश में आता है, जहां वह वायरस पहले से नहीं है। दुनिया के ज्यादातर देशों के लिए कोरोना वायरस देने वाला देश चीन रहा है। हालांकि भारत के मामले में ऐसा माना जा रहा है कि यहां सबसे पहले वायरस लाने वाले इटली से आए कुछ पर्यटक थे, जो बाद में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए।

दूसरी स्टेज : जब वायरस स्थानीय स्तर पर फैलता है : जो लोग देश के बाहर नहीं गए थे और ट्रैवल हिस्ट्री वाले संक्रमित लोगों के संपर्क में आ गए, उन्हें भी संक्रमण हो जाता है। इस स्टेज को लोकल ट्रांसमिशन यानी स्थानीय प्रसार कहते हैं, जिसमें यह स्पष्ट हो जाता है कि संक्रमण किसी क्षेत्र विशेष में फैल रहा है और वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा रहा है। अब तक माना जा रहा है कि देश दूसरी स्टेज में ही है।

तीसरी स्टेज : वायरस का समुदाय स्तर पर फैलना : विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) की स्थिति तब आती है, जब बड़ी संख्या में वायरस के कंफर्म मामलों के बारे में यह पता न किया जा सके कि वायरस कहां से या किससे फैल रहा हैं। किसी व्यक्ति में यह संक्रमण कहां से आया। यानी वायरस के स्रोत का पता नहीं चलता और यह लोगों में फैलता जाता है।

चौथी स्टेज : जब देश के लिए भी बीमारी महामारी बन जाए : हर महमारी में एक चौथी स्टेज होती है। यह तब आती है जब ये वैश्विक महामारी, किसी देश के लिए भी महामारी बन जाती है। चीन में यही हुआ, जब बड़ी संख्या में, तेजी से लोग संक्रमित होने लगे और मरने लगे। इस स्थिति में बीमारी का स्पष्ट अंत नजर नहीं आता है। इस स्टेज की बीमारी साल में कई बार उभर सकती है। उदाहरण के लिए मलेरिया और डेंगू भारत में महामारियां हैं।

तीसरी स्टेज क्यों खतरनाक है?
पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि मरीज कैसे संक्रमित हुआ। अमेरिका के मिसौरी में पब्लिक हेल्थ की अधिकारी शेजनी शुल्ट इसे आसानी से समझाती हैं। अगर कोई तीसरी स्टेज में संक्रमित होता है, तो वह सोचता ही रह जाएगा कि उसे संक्रमण कैसे हुआ। वह किसी एक व्यक्ति या जगह की तरफ इशारा नहीं कर पाएगा कि उसे इसकी वजह से बीमारी हुई। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का कहना है कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि भारत ने वायरस को नियंत्रित कर लिया है। हम उम्मीद करते हैं कि देश तीसरी स्टेज में न पहुंचे, लेकिन इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

क्या देश में तीसरी स्टेज आ गई?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने अपने एक बयान में कहा, ‘समुदाय प्रसार की परिभाषा के अनुसार यह तभी माना जाएगा, जब बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आने लगें जहां स्रोत का पता न लगाया जा सके। इस आधार पर कह सकते हैं कि देश अभी तीसरी स्टेज में नहीं है। हमारे जैसे बड़े देश में ऐसे कुछ ही मामले आए हैं जिनका स्रोत नहीं पता है। यह आसान प्रक्रिया नहीं है और इसमें समय लगता है।’

20 से 30 प्रतिशत मामले जब ऐसे आने लगें, जिनमें संक्रमण का कारण पता न चले तो इसका मतलब है तीसरी स्टेज आ चुकी है। - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय 

कोरोना को रोकने के लिए सरकार ने क्या किया

  • आईसीएमआर ने लॉकडाउन से पहले कम्युनिटी ट्रांसमिशन की जांच करने के लिए 800 रैंडम सैंपल लिए थे। सभी निगेटिव निकले।
  • 20 लाख लोगों की सभी बॉर्डर पोस्ट्स पर जांच की गई।
  • 40 हजार लोगों की समुद्री पोर्ट्स पर जांच की गई।
  • 15.25 लाख लोगों की एयरपोर्ट पर थर्मल जांच की गई।

(स्रोत: सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए आंकड़े और मीडिया रिपोर्ट्स)  

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery