सुकमा. छत्तीसगढ़ के सुकमा में शहीद हुए 17 जवानों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम सहित पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि हमको बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन नक्सलियों को जड़ से उखाड़ कर रहेंगे। वहीं केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार भी सुकमा पहुंच गए हैं। थोड़ी देर में आगे की रणनीति बनाने को लेकर बैठक शुरू होगी।
हमको बड़ा नुकसान हुआ है, जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी
सुकमा में शहीद हुए जवानों के परिजनों से बात करते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं जवानों के हौंसलों को सलाम करता हूं। जब तक नक्सल समाप्त नहीं होगी, तब तक लड़ाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों ने उन्हें घेरकर मारा है। ये बात सही है कि हमारे 17 जवान नहीं रहे। बड़ा नुकसान हमको हुआ है, लेकिन नक्सलियों की जड़ उखाड़ कर रहेंगे। हमारी रणनीति में कोई कमी नहीं, कोई इंटेलीजेंस में चूक नहीं हुई है।
परिजनों की आंख से नहीं थम रहे आंसू, आईजी ने शहीदों को दिया कंधा
शहीद जवानों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
शहीद जवानों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जवानों की मां, कहीं उनकी पत्नी, बहन, बेटे और भाई को संभालना मुश्किल हो रहा था। एक साथ इतने शव एक साथ पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों को धैर्य जवाब दे गया। उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। जवानों के शवों को सोमवार सुबह जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन लाया गया। यहां पर उन्हें अंतिम सलामी दी गई। वहीं बस्तर आईजी पी. सुंदरराज सहित पुलिस के उच्चाधिकारियों ने शहीद जवानों को कंधा दिया।
सर्चिंग अभियान पर निकले थे 550 जवान
सुकमा के मिनपा में शुक्रवार को सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के करीब 550 जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। जवानों को नक्सलियों के छत्तीसगढ़ के सक्रिय टॉप लीडर हिड़मा, नागेश और अन्य के कैंप लगाने का इनपुट मिला था। जवान शनिवार को सर्चिंग से लौट रहे थे, इसी दौरान नक्सलियों के एंबुश में फंस गए। जवानों और नक्सलियों के बीच करीब 5 घंटे तक मुठभेड़ चलती रही। इसके बाद नक्सली वहां से भाग निकले। मुठभेड़ में 17 जवान लापता थे। रविवार सुबह फोर्स ने लापता जवानों की बॉडी रिकवर की।
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