Sunday, 8th June 2025

कोरोनावायरस / स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- फैशन में या फिर कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए संक्रमण की जांच न करवाएं

Sun, Mar 22, 2020 1:06 AM

 

  • संयुक्त सचिव ने कहा- मास्क की कीमत 8-10 रु. होगी, 200 एमएल सैनिटाइजर की बोतल 100 रु. से ज्यादा की नहीं मिलेगी
  • उन्होंने कहा- सरकार मास्क-सैनिटाइजर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सोच रही है, डियोड्रेंट निर्माताओं को अनुमति देने के निर्देश

 

नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा है कि लोग महज फैशन में या कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए कोरोनावायरस संक्रमण का टेस्ट न करवाएं। लोगों की जांच प्रोटोकॉल के अनुसार ही की जाएगी। यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। इस दौरान, उन्होंने देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संक्रमण के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर भी बात की। 

संयुक्त सचिव ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा मास्क-सैनिटाइजर के दाम तय कर दिए गए हैं। 2 प्लाई मास्क की कीमत 8 रु. प्रति मास्क और 3 प्लाई मास्क की कीमत 10 रु. प्रति मास्क से ज्यादा नहीं होगी। वहीं, सैनिटाइजर की 200 एमएल की बोतल की कीमत 100 रु. से ज्यादा नहीं होगी। ये कीमतें 30 जून 2020 तक पूरे देश में लागू रहेंगी।

डियोड्रेंट निर्माताओं को सैनिटाइजर बनाने की अनुमति राज्य सरकारें दें- केंद्र
उन्होंने कहा- केंद्र सरकार मास्क-सैनिटाइजर के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है। राज्य सरकारों से कहा गया है कि डियोड्रेंट बनाने वाले निर्माताओं को भी सैनिटाइजर का उत्पादन करने की अनुमति दी जाए। वहीं, अल्कोहल इंडस्ट्री को इथाइल अल्कोहल का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कहा गया है।

देश में 111 लैब शुरू हो चुकी हैं- संयुक्त सचिव
संयुक्त सचिव ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस से 1,000 स्थानों पर क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई है ताकि हालात बिगड़ने पर उनसे निपटा जा सके। वहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों में 111 लैब शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रायवेट लैब को लेकर भी हम निर्णायक स्थिति पर पहुंच चुके हैं। शाम तक ऑर्डर जारी किया जाएगा।

अब तक 1600 भारतीयों को क्वारैंटाइन किया गया
उन्होंने बताया कि देश में मौजूद क्वारैंटाइन सेंटर में 1600 भारतीय के अलावा अन्य देशों के नागरिक भी भर्ती किए गए। आज इटली के 262 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी मौजूदा हालात पर नजर बनाकर रखी है।

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