Friday, 12th September 2025

छत्तीसगढ़ / खेत में पानी भरने से फसल बर्बाद, 100 से ज्यादा गांवों में गिरे ओले

Sun, Mar 15, 2020 7:28 PM

 

  • मार्च में ओलावृष्टि और बारिश से गेहूं, चना, सरसों के अलावा सब्जी की फसल 30 फीसदी चौपट
  • मार्च में वर्षा का 50 साल का रिकार्ड भी टूटा, अभी तक बारिश का आंकड़ा भी 87.4 मिमी पहुंच गया

 

अंबिकापुर/जशपुर . पश्चिमी विक्षोभ के कारण एक साथ तीन सिस्टम बनने से मार्च में बीते चार दिनों से हो रही बारिश ने रबी की फसल में नुकसान की रही सही कसर पूरी कर दी है। शुक्रवार की रात तेज हवाओं के साथ शहर सहित पूरे जिले में झमाझम बारिश हुई और खेतों में पानी भर गया। 


बारिश का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में करीब 40 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इससे मार्च में अभी तक बारिश का आंकड़ा भी 87.4 मिमी पहुंच गया है और बीते 50 साल का रिकार्ड टूट गया है। बीते 50 वर्षों में सरगुजा जिले में मार्च के पहले पखवाड़े में इतनी बारिश नहीं हुई। बारिश से खेतों में पानी जमा हो गया है। गेहूं व सरसों की फसल खेत में जमीन पर आड़ी हो गई। सब्जी के खेतों में पानी जमा हो गया है और पौधे गलने की आशंका बढ़ गई है। किसानों के अनुसार बारिश से करीब 30 फीसदी फसल नष्ट हो गई है और यदि और बारिश हुई तो फसल पूरी तरह चौपट हो जाएगी। मौसम के बदल रहे मिजाज उनके चेहरे पर चिंता गहराने लगी है। जशपुर के पाठ इलाके पंडरापाठ, सोनक्यारी, सन्ना, महनई, बलादरपाठ, कंवई, महुआ, आस्ता, दौनापाठ सहित सौ से अधिक गांव ओलावृष्टि से प्रभावित हैं।

जशपुर के किसान बोले- अब नहीं बचेगी मिर्ची की फसल 

मार्च के महीने में बारिश से लोगों का हाल बेहाल है। शुक्रवार-शनिवार की रात को जशपुर जिले के पहाड़ी इलाकों में आेले गिरे। शहर में सुबह 8 बजे तक काले घने बादलों के कारण भोर जैसा अंधेरा छाया हुआ था। सुबह 7 बजे से 10 बजे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद बारिश थमी पर रूककर बूंदाबांदी और तेज बारिश का दौर कई बार चला। शनिवार की शाम 6 बजे से फिर से तेज बारिश शुरू हो गई थी। पाठ इलाके के सौ से अधिक गांव ओलावृष्टि हुई। यह इलाके मिर्च उत्पादक क्षेत्र हैं। कुछ दिन पहले हुई ओलावृष्टि से मिर्च के पौधे सो गए थे। किसानों का कहना है कि अब मिर्च की फसल को बचा पाना मुश्किल है। मिर्च के अलावा टमाटर, बैंगन, लौकी, पपीता सहित अन्य सब्जियों को भी नुकसान हुआ है।

चांपा में स्टेशन रोड पर जलजमाव, लोग परेशान

चांपा | हल्की बारिश होने के बाद एक बार फिर स्टेशन रोड पर जल जमाव हो गया है। रेलवे प्रशासन द्वारा सड़क बनाने की अनुमति नहीं दिए जाने से यात्री कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। पीडब्लूडी आफिस से लेकर अग्रसेन चौक तक रेलवे की जमीन है, जहां की सड़क इस कदर से खराब हो गई है कि उससे चलने या वहां से गुजरने में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 1 वर्ष अमूनन यही स्थिति है।  रेलवे की जमीन होने के कारण एनएच या पालिका सड़क की मरम्मत नहीं करा पा रही है। स्टेशन मार्ग की जर्जर हालत व लोगों को हो रही असुविधा को लेकर कलेक्टर ने डीआरएम को एक पत्र लिखा है, जिसमे उन्होंने रेलवे से उस मार्ग के निर्माण के लिए एनओसी देने कहा है।

आंधी से कई घरों के छप्पर उड़े, बिजली के खंभे गिरे

पसान (कोरबा) | आंधी और बारिश ने शनिवार सुबह क्षेत्रवासियों के लिए मुसीबत बढ़ा दी। मौसम खराब होने का संकेत बादलों से मिल रहा था कि अचानक चली आंधी से कई लोगों के मकानों छप्पर उड़ गए। वहीं बिजली के खंभे उखड़कर जमीन पर गिर गए। जबकि आंधी थमने के बाद जमकर बारिश हुई। इससे जिनके घरों के छप्पर उड़ गए थे उनका सामान भीग गया। पूरी व्यवस्था अस्त व्यस्त होने से लोग परेशान हुए। तार टूटने व खंभे गिरने के कारण क्षेत्र की बिजली पूरे दिन गुल रही। दिनभर रुक-रुक कर बारिश होने से लोगों की परेशानी बढ़ा दी।

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