भोपाल. बेंगलुरु में ठहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने रविवार को एक नया वीडियो जारी कर सरकार से जान को खतरा बताया है। विधायकों ने वीडियो में कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। सभी भोपाल आना चाहते हैं, इसके लिए उन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाए। विधायकों का तर्क है कि जब सिंधियाजी पर भोपाल में हमला किया जा सकता है तो हम कैसे सुरक्षित हो सकते हैं।
विधायकों के मुताबिक, ‘‘हम अपनी स्वेच्छा से बेंगलुरु आए हैं। किसी ने बंधक नहीं बनाया। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए संभावना है कि हमें विधानसभा स्पीकर से मिलने नहीं दिया जाए। अगर परिजन द्वारा कोई शिकायत की जाए तो उसे अमान्य कर दें।’’
10 मार्च को 6 मंत्रियों समेत सिंधिया गुट के 19 विधायक बेंगलुरु में अपने इस्तीफे के साथ।
बेंगलुरु के तीन होटलों में रह रहे विधायक
सूत्रों के अनुसार, सिंधिया सर्मथक विधायकों को रिजॉर्ट से बेंगलुरु के तीन अलग-अलग होटलों में शिफ्ट किया गया है। इधर, दिल्ली में मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के निवास पर एक बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद हैं। बैठक के बाद सिंधिया और शिवराज बेंगलुरु जा सकते हैं। फिर ये निर्णय लिया जाएगा कि विधायकों को भोपाल कब शिफ्ट करना है।
कांग्रेस ने कहा- विधायकों से जबरदस्ती वीडियो बनवाए जा रहे
इधर, कांग्रेस के प्रवक्ता जाफर ने वीडियो की विश्वसनीयता पर सवाल किए हैं। उन्होंने इमरती देवी का एक वीडियो जारी किया है। इसमें फुसफुसाने की आवाज आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि ये वीडियो विधायकों से जबरदस्ती बनवाए जा रहे हैं।
बेंगलुरु में ठहरे 22 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को अपने इस्तीफे भेजे हैं। इनमें से 6 विधायकों की सदस्यता शनिवार शाम विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने खत्म कर दी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल पहले ही तुलसीराम सिलावट, महेंद्र सिंह चौहान, डॉ. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत और प्रद्युम्न सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर चुके हैं।
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