Saturday, 24th May 2025

अमेरिका / ट्रम्प की तालिबान नेता से फोन पर बातचीत; समझौते के बाद कैदियों की रिहाई पर संशय

Wed, Mar 4, 2020 7:27 PM

 

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और तालिबान में नंबर दो मुल्ला अब्दुल गनी बरदार के बीच मंगलवार को बातचीत हुई
  • अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए ओस्लो में सभी संबंधित पक्षों की बैठक 10 मार्च से बैठक शुरू होगी

 

खेल डेस्क. अफगानिस्तान में अमन बहाली के लिए मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और तालिबान नेता मुल्ला बरदार के बीच फोन पर बातचीत हुई। व्हाइट हाउस के मुताबिक, किसी आतंकी संगठन के नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच यह पहली ऐसी चर्चा है, जिसकी सार्वजनिक पुष्टि की जा रही है। अफगान शांति के लिए 29 फरवरी को अमेरिका, अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच समझौता हुआ था। हालांकि, कैदियों की रिहाई के मसले पर विरोधाभासी बयान आ रहे हैं। सभी संबंधित पक्ष 10 मार्च से ओस्लो (स्वीडन) में बैठक करेंगे। इसमें अमन बहाली के उपायों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। 

हिंसा की कुछ घटनाएं
अफगानिस्तान सरकार, अमेरिका और तालिबान के बीच जो समझौता हुआ है, उस पर पिछले दिनों सवाल उठे। दरअसल, तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में हिंसा की कुछ घटनाएं हुईं। इसका आरोप भी इसी आतंकी संगठन पर लगा। इससे समझौते की सफलता पर सवाल उठने लगे। अब तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरदार और ट्रम्प की बातचीत से उम्मीद बंधी है कि दोनों पक्ष समझौते का पालन करेंगे। 

ट्रम्प ने मुल्ला से कहा- हिंसा फौरन बंद होनी चाहिए
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति ने तालिबान नेता से साफ कहा कि समझौते की सफलता के लिए हिंसा का फौरन बंद होना जरूरी है। दोनों पक्षों की बातचीत सकारात्मक रही। अमेरिका ने साफ किया है कि वो अफगानिस्तान में अमन बहाली के लिए कोशिशें जारी रखेगा।”

पेंच कहां फंसा?
अफगानिस्तान करीब 40 साल से हिंसाग्रस्त है। यहां पहले सोवियत संघ (अब रूस) की सेनाएं रहीं अब अमेरिकी फौज मौजूद है। तालिबान, अमेरिका और अफगानिस्तान सरकार के बीच शांति समझौता 29 फरवरी को हुआ। इसके बाद भी हिंसा हुई। इसमें एक पेच फंसा हुआ माना जा रहा है। दरअसल, तालिबान का दावा है कि समझौते के तहत अफगान सरकार पांच हजार तालिबानियों को रिहा करेगी। अफगान सरकार और अमेरिका दावा करता है कि समझौते की शर्तों के तहत तालिबान की कैद में एक हजार लोग हैं, इन्हें रिहा किया जाएगा। दोनों ही बातों को लेकर स्पष्टता नहीं है। अफगान सरकार ने साफ कर दिया है कि वो किसी तालिबानी नेता या आतंकी को रिहा नहीं कर सकती।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery