Sunday, 8th June 2025

फैसला / सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग की इजाजत दी; आरबीआई ने दो साल पहले रोक लगाई थी

Wed, Mar 4, 2020 7:17 PM

 

  • आरबीआई ने अप्रैल 2018 में सर्कुलर जारी कर रोक लगाई थी
  • इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती दी थी

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग की इजाजत दे दी है। अदालत ने बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का दो साल पुराना सर्कुलर खारिज कर दिया। आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को क्रिप्टोकरंसी से जुड़े लेन-देन पर रोक लगाई थी। उसने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिए थे कि क्रिप्टोकरंसी में डील नहीं करें और इसके लेन-देन के लिए कोई प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं करवाएं। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजेज की ओर से आरबीआई के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आईएएमएआई की दलील थी कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत क्रिप्टोकरंसी पर बैन लागू होता हो। ऐसे में आरबीआई क्रिप्टोकरंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन के लिए बैंकिंग चैनल के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगा सकता।


क्रिप्टोकरंसी क्या है?
क्रिप्टोकरंसी डिजिटल करंसी होती है। इसे रेग्युलेट करने के लिए एनक्रिप्शन तकनीक इस्तेमाल की जाती है। दुनिया की कई रेग्युलेटरी संस्थाएं प्रमुख क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन में ट्रेडिंग के खिलाफ चेतावनी दे चुकी हैं, जबकि कुछ देश इसके समर्थन में हैं। 2017 में जापान ने बिटकॉइन को वैध करंसी का दर्जा दिया था।


बिटकॉइन में इस साल 50% तेजी
दुनिया में बिटकॉइन सबसे ज्यादा चलने वाली और वैल्यू वाली क्रिप्टोकरंसी है। इस साल इसमें 50% तेजी आ चुकी है। अक्टूबर 2019 के बाद पहली बार बिटकॉइन 10,000 डॉलर पर पहुंच चुका है। दूसरी क्रिप्टोकरंसी में भी इस साल तेजी बनी हुई है। इथ्रेरियम की वैल्यू दोगुनी हो चुकी है और रिपल्स की एक्सआरपी में 75% तेजी आ चुकी है।

बिटकॉइन क्या है?
इस करंसी को वर्चुअल वर्ल्ड में सातोशी नाकामोतो समूह लाया था। उसने 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत की थी। इसकी खरीद-बिक्री सिर्फ ऑनलाइन की जा सकती है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery