बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी चिड़ियाघर की रायल बंगाल टाइगर दुर्गा बुधवार को ट्रेन से विशाखापट्नम तक का सफर तय करेगी। इसके लिए लिंक एक्सप्रेस में स्पेशल लगेज बोगी लगाई जा रही है। इसी में एक पिंजरे के अंदर बाघिन को कैद किया जाएगा। बाघिन दुर्गा के लिए 1.2 लाख रुपए का ट्रेन टिकट लिया गया है। इस टिकट का खर्च विशाखापट्नम चिड़ियाघर उठा रहा है। संभवत: यह पहली बार हो रहा है, जब किसी वन्य प्राणी को ट्रेन से ले जाया जा रहा है।
बाघिन दुर्गा को लेने विशाखापट्नम की टीम बिलासपुर पहुंच चुकी है। एक्सपर्ट डॉक्टर सहित चार सदस्यों की टीम डेढ़ साल की दुर्गा को ट्रेन से लेकर रवाना होंगे। रेलवे से भी इसकी अनुमति मिल चुकी है। विशाखापट्नम स्थित इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क की क्यूरेटर आर यशोदा पिछले दिनों कानन आई थीं। उन्होंने सड़क मार्ग की बजाय रेलमार्ग से दुर्गा को लेकर जाने का फैसला किया था। कानन प्रबंधन इसे भी मुफ्त में दे रहा है। असल में कानन में वन्यप्राणी सरप्लस हैं। इसी कड़ी में दुर्गा को भी विदा किया जा रहा है।
नवंबर 2018 में हुआ था दुर्गा का जन्म
बता दें कि दुर्गा का जन्म नवंबर 2018 को कानन में ही हुआ था। दुर्गा के पिता को हाल ही में रोहतक चिड़ियाघर भेजा गया है। वहीं मां का अभी भी कानन में है। दुर्गा के जाने के बाद कानन में 6 टाइगर बचेंगे। इससे पहले तीन टाइगर को रोहतक और लुधियाना भेजा गया है। क्यूरेटर आर यशोदा ने बताया कि विशाखापट्नम में अभी चार टाइगर हैं। इनमें दो मेल और दो फीमेल हैं। दोनों फीमेल की उम्र 15 प्लस हो गई है। इसलिए दुर्गा को कानन से ले जा रहे हैं। दुर्गा के जाने के बाद वहां पांच टाइगर हो जाएंगे।
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