Monday, 9th June 2025

भोपाल / बार-बार इंसानों के नजदीक पहुंच रहा था बाघ, इसलिए सतपुड़ा से वन विहार किया शिफ्ट

Wed, Mar 4, 2020 5:46 PM

 

  • सतपुड़ा नेशनल पार्क प्रबंधन ने बाघ के स्वभाव का एक माह अध्ययन करने के बाद लिया निर्णय
  • बाघ काे ट्रेंक्यूलाइज करके सतपुड़ा नेशनल पार्क की टीम मंगलवार देर रात वन विहार लेकर पहुंची

 

भाेपाल. इंसानों के नजदीक रहने की आदत से मजबूर सतपुड़ा नेशनल पार्क के बाघ काे जंगल की खुली हवा नहीं भा रही थी, इसलिए अब उसे वन विहार नेशनल पार्क की कैद में रहना हाेगा। यह निर्णय सतपुड़ा नेशनल पार्क प्रबंधन ने बाघ के स्वभाव का एक माह अध्ययन करने के बाद लिया। बाघ काे ट्रेंक्यूलाइज करके सतपुड़ा नेशनल पार्क की टीम मंगलवार देर रात वन विहार लेकर पहुंची। जहां उसे हाउसिंग में छाेड़ दिया गया।

सतपुड़ा नेशनल पार्क के डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क से 28 जनवरी काे बाघ और बाघिन का जाेड़ा भेजा गया। दाेनाें की उम्र तकरीबन 3 साल थी। बाघिन ताे पार्क के वातावरण में ढल गई, लेकिन बाघ काे जंगल का माहौल पसंद नहीं आया। वह काेर एरिया से बार-बार गांव की नजदीक देखा जा रहा था। उन्हाेंने बताया कि उसे कांति रेंज में छाेड़ा गया ताे वह टेरेटरी फाइट के डर से फिर गांव के नजदीक पहुंच गया। 

वजन घटा...तनाव में रहने की आशंका
डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन ने बाकायदा रेंज में अपनी टेरेटरीज बना ली है, लेकिन बाघ इलाके के अनुकूल अपने आप काे नहीं ढाल पाया। शायद उसे लगा कि उससे बलशाली दूसरे टाइगर हैं, इसलिए वह अपने आप काे गांव के नजदीक ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहा था। उन्हाेंने बताया कि शनिवार काे जब वह गांव के करीब पहुंच ताे हम लाेगाें ने पाया कि उसका वजन पहले से कम हुआ है। इससे अंदाजा लगाया कि वह तनाव में है। 
 

बचपन से इंसानाें के बीच पला-बढ़ा
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के डायरेक्टर विंसेंट रहीम ने बताया ये बाघ-बाघिन बहेरहा इनक्लोजर में रखे गए थे। उनकी मां अरहरिया क्षेत्र की रानी थी। शावकाें की जान बचाने के लिए मां बाघ से भिड़ गई थी, जिसमें उसकी माैत हाे गई। इसके बाद दोनों का पालन-पाेषण इनक्लाेजर में इंसानों के बीच हुआ। इसके बाद वाइल्ड लाइफ मुख्यालय व राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए ने इन्हें सतपुड़ा नेशनल पार्क छाेड़ने का निर्णय लिया था। 
 

26 फरवरी काे भी एक अन्य जोड़ा पहुंचा था वन विहार
इधर, वन विहार की डायरेक्टर कमलिका मोहंता ने बताया कि 26 फरवरी काे एक अन्य जोड़ा भी बांधवगढ़ नेशनल पार्क से वन विहार पहुंचा था। उन्हें भी इंसानों के नजदीक रहने की आदत की वजह से यहां शिफ्ट किया गया था। वन विहार प्रबंधन ने उनका नाम  बंधन और बंधनी रखा है। इनकी मां ने दाेनाें काे कमजाेर हाेने की वजह से जंगल में मरने के लिए छाेड़ दिया था।

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