Saturday, 7th June 2025

आयकर छापे / 150 करोड़ का बेनामी लेनदेन, शराब व माइनिंग का पैसा अफसरों को, नोटबंदी के दौरान भारी नकदी जमा, हवाला भी

Tue, Mar 3, 2020 8:54 PM

 

  • छत्तीसगढ़ के नेताओं, अफसरों और कारोबारियों पर छापामार कार्रवाई के बारे में आयकर विभाग ने पहली बार जानकारी दी
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा- पांच दिन की कार्रवाई में कुछ नहीं मिला, यह सिर्फ सरकार गिराने की साजिश

 

रायपुर/भिलाई. छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचा देने वाले आयकर छापों को लेकर सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अपना पक्ष रखा है। छापों के पांच दिनों बाद बोर्ड ने माना है कि अब तक इन छापों में 150 करोड़ रुपए के लेनदेन के मामले सामने आए हैं। तलाशी के दौरान मिले सबूतों और सुरागों के बाद 150 करोड़ रुपए मिले हैं और यह आंकड़ा काफी हद तक बढ़ने की संभावना है।

इनकम टैक्स कमिश्नर व मीडिया और तकनीकी नीति तथा अधिकृत प्रवक्ता सुरभि अहलूवालिया ने एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें बताया गया है कि आयकर अधिकारी अभी भी खोज कार्रवाई और जांच में लगे हैं। कई बैंक लॉकरों सहित कई निषेध आदेश दिए गए हैं। 27 फरवरी से रायपुर में व्यक्तियों, हवाला डीलरों और व्यापारियों के एक समूह पर खोज शुरू की गई। विभाग के अफसरों ने छापे की कार्रवाई विश्वसनीय इनपुट्स, खुफिया और शराब और खनन व्यवसाय से बड़ी बेहिसाब नकदी के सृजन के साक्ष्य मिलने पर की।

कई अफसर भी जांच के दायरे में

सार्वजनिक सेवकों के लिए उसी के हस्तांतरण, नोटबंदी के दौरान भारी नकदी जमा, शेल कंपनियों से आवास प्रविष्टियों, अघोषित निवेश के आधार पर की गई थी। छापे में जांच के दौरान संपत्तियों की खोज के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर कुछ अन्य परिसरों को भी जांच में शामिल किया गया। खोज के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा से पता चलता है कि अफसरों और अन्य लोगों को हर महीने पर्याप्त मात्रा में अवैध संतुष्टि का भुगतान किया जा रहा था।

सीएम की उपचसचिव से पूछताछ

सीबीडीटी ने पिछले 5 दिनों में 25 ठिकानों पर कार्रवाई के बाद पहली बार इस बारे में जानकारी दी। सोमवार दोपहर को आयकर विभाग की टीम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित बंगले पर पहुंची। अधिकारियों ने सौम्या से पूछताछ भी की। इससे पहले टीम ने 28 फरवरी को भी उनके बंगले पर छापा मारा था, लेकिन 24 घंटे के बाद भी किसी के सामने नहीं आने पर विभाग ने बंगले को सील कर दिया था।

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