नई दिल्ली (शेखर घोष) . नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के कारण करीब तीन दिनों में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के कारोबार का नुकसान हुआ है। सोमवार से दंगा शुरू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश भर से रोजाना कारोबार के लिए आने वाले 5 लाख से अधिक कारोबारियों ने थोक बाजारों चांदनी चौक, सदर बजार, अनाज मंडी और रेडिमेड मार्केट गांधीनगर में आना बंद कर दिया है। यही नहीं, रोजाना यहां आने वाले करीब एक लाख से अधिक कर्मचारी भी खौफ के कारण इन मार्केट का रुख नहीं कर रहे। इससे पहले दिल्ली के थोक बाजारों में रोजाना 500 करोड़ रुपए का कारोबार होता था। दरअसल, ऑनलाइन कारोबार करने वाले और जिनके गोदाम प्रभावित इलाकों से बाहर हैं, वे बचे हुए हैं। संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, लाहौरी गेट, कमला नगर और शक्ति नगर इलाकों में इसका प्रभाव नहीं हुआ है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक इन थोक दुकानों पर काम करने वाले 90 प्रतिशत कर्मचारी, दंगा प्रभावित क्षेत्रों वेलकम, सीलमपुर, शाहदरा, करावल नगर, खजूरी, यमुना विहार, जाफराबाद, मुस्तफाबाद में किराए पर रहते हैं। दंगा के कारण जहां वे सहमे हुए हैं, वहीं कर्फ्यू, धारा 144 के कारण घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। सदर बाजार दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने बताया कि सदर बजार में दंगे के कारण कारोबार ठप है।
असर: रोजाना करीब 45 हजार ट्रकों की जगह फिलहाल पहुंच रहे 12 हजार ट्रक
दंगे का असर ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय पर भी पड़ा है। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी राजेन्द्र कपूर ने बताया कि पहले समान्य दिनों में रोजाना दिल्ली में 40-45 हजार ट्रक लोड-अनलोड होते थे, लेकिन सोमवार के बाद यह आंकड़ा गिरकर प्रतिदिन 10-12 हजार ट्रकों के लोडिंग-अनलोडिंग तक पंहुच गई है। इसका कारण है कि बाजार से कारोबारी व कर्मचारी दोनों दंगे के डर से गायब हैं।
इधर, ड्राई फ्रूट्स मार्केट का बुरा हाल, बादाम गिरी की हो सकती है किल्लत
इधर, चावड़ी बाजार ड्राई फ्रूट मार्केट के कारोबारी प्रवीण शंकर कपूर ने बताया कि अगर दिल्ली में यही हालात रहे तो ड्राई फ्रूट मार्केट में बादाम गिरी का स्टॉक प्रभावित हो सकता है और इसके दाम बढ़ सकते हैं। ड्राई फ्रूट मार्केट में रोजाना साबूत बादाम को तोड़कर बादाम गिरी बनाया जाता है। पर यह काम उत्तर -पूर्व दिल्ली के करावल नगर में होता है। दंगा के कारण करावल नगर में काम ठप पड़ा है।
दंगे की वजह से रोजाना करीब 1 से डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। यहां काम करने वाले 90 फीसदी कर्मचारी दंगा प्रभावित इलाकों से आते हैं। फिलहाल नुकसान का प्रारंभिक आकलन ही कर सके हैं। -प्रवीण खंडेलवाल, महासचिव, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स
Comment Now