रायपुर . मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ में सोमवार के बाद मंगलवार को भी कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ ओले गिरे हैं। बुधवार को भी कहीं-कहीं मध्यम वर्षा के अासार हैं। राजधानी रायपुर में सोमवार को 24 घंटे के भीतर हुई 43.6 मिमी बारिश इस महीने में पिछले 102 साल के भीतर की दूसरी सबसे ज्यादा बािरश है। इससे पहले 4 फरवरी 1917 को रायपुर में 57.4 मिमी पानी बरसा था। इस बार की बारिश ने न केवल जनजीवन पर असर किया, बल्कि 50 से 100 ग्राम तक के जमकर बरसे ओलों ने भी काफी नुकसान पहुंचाया है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण बिहार में 1.5 किमी ऊंचाई पर चक्रवात बन गया है।
वहां से द्रोणिका (बारिश वाले हवा की पट्टी) छत्तीसगढ़ होते हुए तेलंगाना तक फैली है। दोनों ही सिस्टम के प्रभाव से बारिश हो रही है। मंगलवार को सरायपाली में सर्वाधिक 60 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। बसना में 60, पिथौरा, रायपुर, माना, आरंग में 50 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। धमधा, बेमेतरा, महासमुंद, रामानुजगंज, सहसपुर लोहारा, छुईखदान, तिल्दा, अभनपुर, खैरागढ़, थाखम्हरिया सहित मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ के ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। बेमेतरा, साजा, दुर्ग, धमधा के कई गांवों में सोमवार की रात को जमकर ओले गिरे। ओलों का साइज इतना बड़ा था कि सुबह तक पिघल नहीं पाए। कुछ इलाकों में किसानों ने बताया कि उनके खेतों में सुबह 15 मिनट तक 100 ग्राम से भी बड़े ओले गिरे। बुधवार को भी उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ में भी कहीं-कहीं ओले गिरने की संभावना है।
फरवरी में रायपुर में बारिश
वर्ष | मिमी (तारीख) |
2019 | 8.2(16) |
2018 | 11(14) |
2017 | 0 |
2016 | 0 |
2015 | 0.8(12) |
2014 | 36.3(28) |
2013 | 3.9(17) |
2012 | 0 |
2011 | 10.9 (21) |
2010 | 3.4 (24) |
ऑल टाइम रिकाॅर्ड- 57.4 (4 फरवरी 1917)
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