रायपुर. स्मार्ट सिटी ने राजधानी की आधा दर्जन सड़कों को स्मार्ट बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। अलग-अलग इलाके की आधा से एक किलोमीटर लंबी सड़कों पर 24 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसकी शुरुआत शहर के सबसे बड़े महाराजबंध तालाब से कर दी गई है। स्मार्ट सड़क में अंडरग्राउंड केबलिंग के साथ ड्रेनेज के स्मार्ट सिस्टम रहेंगे। इसके अलावा साइकिल ट्रैक और रेन वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम भी रहेगा। बस स्टॉप, शेयरिंग साइकिल स्टैंड के साथ पब्लिक यूटिलिटी के स्मार्ट टॉयलेट, एटीएम भी रहेगा। वहीं पैदल चलने वालों के लिए हरी घास भी रहेगी।
स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में इसी महीने पांच नई सड़कों का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। मार्च में इनके टेंडर निकल जाएंगे। फिलहाल 650 मीटर लंबी महाराज बंध स्मार्ट रोड पर काम चालू हो गया है। शहर की सभी स्मार्ट सड़कों में करीब 400 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान भी लगाया गया था। लेकिन बहुत बड़ा प्रोजेक्ट होने की वजह से कोई भी एजेंसी एक साथ पूरे काम करने के लिए तैयार नहीं हुई। लिहाजा अब छोटे छोटे पैच में स्मार्ट सड़कें बनाने का वैकल्पिक योजना बनाई गई है।
स्मार्ट सड़कों को बनाने के लिए अधिकतम 6 माह
स्मार्ट रोड को बनाने के लिए ठेका एजेंसियों को दो से अधिकतम 6 महीने तक वक्त दिया जाएगा। स्मार्ट रोड के सारे कंपोनेंट के साथ स्ट्रीट लाइटों और थीमेटिक लाइटें जैसे इंतजाम भी एजेंसी को करने होंगे। सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी भी एजेंसी की ही होगी। ऐसी जगहें जहां बस स्टॉप नहीं होंगे वहां ई रिक्शे या ऑटो स्टैंड के लिए जगह बनाई जाएगी। ताकि लोग यहां से कहीं भी आ जा सके। कुछ सड़कों पर साइकिल चलाने का ट्रैक भी छायादार बनाने का प्लान है।
ये सड़कें, बनेंगी स्मार्ट - महाराज बंध (टेंडर निकाला जा चुका है), तेलीबांधा से खमारडीह चौक तक, अवंति चौक, नई मंडी के पास से फाफाडीह तक, वीआईपी रोड, जीई रोड।
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