Thursday, 22nd May 2025

जशपुर / सरकारी अनदेखी से "जल समाधि' लेने को मजबूर हुआ परिवार, गंदे पानी की निकासी नहीं होने से डूब रहा घर

Thu, Feb 20, 2020 9:41 PM

 

  • कलेक्ट्रेट से महज 200 मीटर की दूरी पर 20 वर्षों से रह रहा है परिवार, नाले को पाट देने से टापू में बदला मकान
  • तीन महीनों में घुटने तक पानी भरा, कई बार शिकायत के बावजूद नहीं हुई  सुनवाई, परिवार बोला- यहीं दबकर मर जाएंगे

 

जशपुरनगर. छत्तीसगढ़ के जशपुर में एक परिवार "सरकारी सिस्टम' का शिकार हो गया है। गंदे पानी की निकासी नहीं होने के चलते उनका घर टापू में तब्दील हो चुका है। वहां बने नाले को पाट देने के बाद से तीन माह में उनके मकान में घुटनों तक पानी भर गया है। इसको लेकर वह कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और कार्यालयों के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह सब कुछ कलेक्ट्रेट से महज 200 मीटर की दूरी पर हो रहा है। अब परिवार "जल समाधि' लेने को मजबूर है। 

तालाब और नाले को पाटकर लोगों ने कब्जा किया
दरअसल, जशपुर के गौरव पथ से लगे गम्हरिया रोड पर पुष्पा यादव ने 20 साल पहले घर बनवाया था। तब वहां पानी की निकासी की अच्छी व्यवस्था थी। घर के पीछे ही कचहरी तालाब था। वहीं से एक नाला भी निकलता था, लेकिन कुछ समय पहले आसपास की जमीन को अपना बताकर कुछ लोगों ने उसे मिट्‌टी से पाट दिया। जिसके चलते प्राकृतिक जल का प्रवाह अवरुद्ध हो गया। इसके कारण उनके घर में धीरे-धीरे गंदा पानी भरना शुरू हो गया। अब यह पानी न सिर्फ घर के चारों ओर बल्कि अंदर भी भर गया है। 


पुष्पा बताती हैं कि उन्होंने इसको लेकर कई बार अधिकारियों और विभागों में  शिकायत की। एक बार कलेक्टर से भी शिकायत की थी। उस समय नगर पालिका ने मोटर लगाकर पानी निकाला गया था। इसके बाद फिर से दोगुनी रफ्तार से जल का भराव हो चुका है। इसके कारण मकान की स्थिति पर गिरने के कगार पर पहुंच चुकी है। पुष्पा यादव कहती हैं कि उनके पास कोई चारा नहीं है। वे बहुत गरीब हैं। कहीं और जाकर बसने की स्थिति भी उनकी नहीं है। ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया है कि वे इसी घर में दबकर मर जाएंगे। 

कई बार लगा चुके हैं गुहार
वहीं क्षेत्र के नवनिर्वाचित पार्षद हिमांशु वर्मा ने बताया कि वह पुष्पा यादव के परिवार का दर्द को समझते हैं। वे इसके लिए खुद भी पुष्पा के साथ कलेक्टर, एसडीएम, नगरपालिका अधिकारी सहित कई लोगों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकल पा रहा है। उन्होंने बताया कि अब हम इसी सड़क पर इसी पानी में जल समाधि के साथ आंदोलन करने को मजबूर हैं और आखरी तक प्रयास करते रहेंगे।

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