लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को 2020-21 का बजट पेश किया। विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की तरफ से पेश बजट में नई योजनाओं के लिए 10 हजार 967 करोड़ का बजट आवंटित किया गया। इन योजनाओं में ही एक है मेरठ से प्रयागराज तक का एक्सप्रेस वे। 637 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए 2 हजार करोड़ की व्यवस्था बजट में की गई है।
सिर्फ इतना ही नहीं, सरकार ने इस गंगा एक्सप्रेस वे को देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे भी बताया है। हालांकि, योगी सरकार के इस दावे पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं। दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि मौजूदा समय में देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे 701 किमी. का महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस वे है।
गंगा एक्सप्रेस वे की कहानी
महाराष्ट्र में बन रहा है सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे
यूपी सरकार भले ही दावा करे कि यूपी में वह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे बना रहे हैं। लेकिन सच यह है कि महराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार में महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस वे योजना की शुरुआत हुई थी। जो कि उद्धव ठाकरे सरकार में भी तेजी से बढ़ रही है।
महाराष्ट्र में एक्सप्रेस वे का 30% काम पूरा: एमडी
महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी राधेश्याम मोपलवार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि मौजूदा वक्त में देश में हमारा एक्सप्रेस वे ही सबसे लंबा है। हम 701 किमी लंबा एक्सप्रेस वे बना रहे हैं। हमने 30% काम भी पूरा कर लिया है। हमारा टारगेट था कि 2022 तक यह एक्सप्रेस वे पूरा कर लेंगे। लेकिन मुझे लगता है कि यह अब दिसंबर 2021 से शुरू हो जाएगा। इस एक्सप्रेस वे से सीधे तौर पर 10 जिले जुड़ेंगे, जबकि 14 जिले अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ेंगे। यह एक्सप्रेस वे मुंबई से नागपुर तक होगा।
नकारात्मकता नहीं ढूंढनी चाहिए: सीएम के मीडिया सलाहकार
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि जो भी हाईवे महाराष्ट्र में बन रहा है उसे बनने दीजिए। पता चल जाएगा कि कौन सा सबसे लंबा हाईवे है। पहली बार एक शानदार एक्सप्रेस वे बनने जा रहा है। तो बजाए तुलना के कि कौन सा लंबा है कौन सा छोटा है। तरक्की का कोई काम होता है तो उसमे नकारात्मकता नहीं ढूंढनी चाहिए।
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