लाहौर. मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक के बाद रिहा हो सकता है। हाफिज को सजा देने के फैसले में जानबूझकर कुछ कमियां छोड़ी गई हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, सईद के वकील का दावा है कि उसके मुवक्किल को सिर्फ एफएटीएफ के दबाव के कारण सजा सुनाई गई। वह आतंकरोधी कोर्ट (एटीसी) फैसले को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती देगा। हाफिज और उसके सहयोगी को लाहौर के एटीसी ने टेरर फंडिंग के दो मामलों में 12 फरवरी को 5 साल की सजा सुनाई थी।
एफएटीएफ की बैठक 16 फरवरी को पेरिस में होगी। इस बैठक में पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा। पिछले साल सितंबर में एफएटीएफ ने आतंकी गतिविधियां रोकने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। इस बीच भारत ने दावा किया है कि जैश-ए-मोहम्मद ने आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए बालाकोट में दो बिल्डिंग बनाई हैं।
जमात-उद-दावा के कई आतंकी संगठनों के साथ संबंध
हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा का अफगान तालिबान, अलकायदा और पंजाबी तालिबान जैसे कई आतंकी संगठनों से रिश्ते हैं। पाकिस्तानी सेना द्वारा भी हाफिज की मदद करने की बात सामने आती रही है। सेना जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जैसे आतंकी संगठनों को प्रशिक्षण, पैसा और कहीं भी आने-जाने की सुविधा मुहैया करवा रही है। कई आतंकी संगठन ड्रग्स के अवैध व्यापार में शामिल हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं। इस पैसे से आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
अपनी सुविधाएं बढ़ा रहा जैश
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान में अपनी सुविधाएं बढ़ा रहा है। इसने बालाकोट स्थित अपने प्रशिक्षण केंद्र में दो नई बिल्डिंग बनाई है। जैश के इसी केंद्र पर भारतीय वायुसेना ने पिछले साल 26 फरवरी को एयर स्ट्राइक की थी। भारत का दावा था कि हमले में 200-300 आतंकी मारे गए। हालांकि, पाकिस्तान ने किसी प्रकार के नुकसान से इनकार किया था।
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