दंतेवाड़ा. आपने सैनिकों की तमाम प्रेम कहानियां सुनी और पढ़ी होंगी, जो बॉर्डर पर रहते हुए अपने प्यार को याद करते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में एक ऐसा पुलिस अधिकारियों का जोड़ा है, जो एके-47 हाथ में लेकर नक्सलियों का सामना साथ में करता है। जिन्होंने पहले सामाजिक बंधनाें को तोड़कर शादी की और फिर अधिकारियों से उपहार में मिली नक्सल बॉर्डर पर साथ में ड्यूटी। खास बात यह है कि इनके साथ जो टीम ऑपरेशन के लिए निकलती है, उनमें सरेंडर नक्सली कपल्स भी शामिल हैं।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे नक्सल ऑपरेशन के लिए जाने वाली डीआरजी पुरुषों की टीम काे एसडीओपी देवांश सिंह राठौर और दंतेश्वरी फाइटर्स महिला डीआरजी टीम को डीएसपी शिल्पा साहू लीड करती हैं। लोरमी के रहने वाले देवांश अौर दुर्ग की शिल्पा ने वर्ष 2013 में पीएससी की परीक्षा पास की अौर डीएसपी बने थे। साल 2016 में निमोरा एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान पहली बार दोनों की पहचान हुई। शुरुआत की लड़ाई ऐसी रही कि दोनों एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते थे।
हालांकि ट्रेनिंग खत्म होते-होते दोनों की टकरार प्यार में बदल गई। ट्रेनिंग के बाद परिवीक्षा अवधि देवांश की जांजगीर चांपा अौर शिल्पा की बिलासपुर में रही। इसके बाद शिल्पा को बालोद में बटालियन व देवांश को दंतेवाड़ा डीआरजी टीम का डीएसपी बनाया गया था। बात शादी तक पहुंची तो असली लड़ाई शुरू हुई। सामाजिक पाबंदियों ने दोनों को अलग करने की कोशिश जरूर की, लेकिन उन्होंने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। शादी की और अब दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं।
डीजी ने कहा था- दोनों को एक ज़िले में भेज रहा, यही मेरी तरफ से शादी का तोहफा
जून 2019 में देवांश और शिल्पा शादी के बंधन में बंधने जा रहे थे। शादी का कार्ड देने डीजी डीएम अवस्थी के सामने पेश हुए थे। डीजी ने भी दोनों की भावनाओं को समझ इनका साथ दिया। डीजी ने कहा था- देवांश किरंदुल एसडीओपी और शिल्पा डीएसपी दंतेवाड़ा हेडक्वार्टर होंगी। दोनों को एक ही जिले में भेज रहा हूं। मेरी तरफ से दोनों को शादी का यह तोहफा है। दोनों दंतेवाड़ा- किरंदुल बॉर्डर पर मिलते रहना। अब दोनों कहते हैं, हमें खुद के साथ ही देश और अपनी ड्यूटी से भी बहुत प्यार है।
नक्सल ऑपरेशन में दोनों को मिलता है एक-दूसरे का सपोर्ट
डीएसपी शिल्पा ने कहा कि जब पति नक्सल ऑपरेशन पर होते हैं, घर पर रहने वाली हर पत्नी को डर रहता है। मेरे साथ भी यही होता था। देवांश डीआरजी डीएसपी थे, उन्हें नक्सल ऑपरेशन पर हर बार जाना ही होता था। जब मेरी दंतेवाड़ा पोस्टिंग हुई, तब मुझे यह पता चली कि यहां महिला डीआरजी टीम भी है। दिनेश्वरी मैडम के बाद इस टीम की ज़िम्मेदारी मुझे मिली। देवांश और मैं अपनी-अपनी टीम के साथ ऑपरेशन के लिए जंगल में निकलते हैं। पोटाली, चिकपाल, किरंदुल क्षेत्र के अंदरूनी गांवों में नक्सल ऑपरेशन के लिए जा चुके हैं। दोनों को एक दूसरे का सपोर्ट मिलता है।
देवांश कहते हैं एकेडमी में लड़ाई से शुरू हुई दुश्मनी, दोस्ती और प्यार में बदल जाएगी, कभी नहीं सोचा था। शादी के बाद डीजी सर ने शिल्पा को मेरे पास भेज सबसे बड़ा तोहफा दिया। दंतेवाड़ा में एसपी डॉ अभिषेक पल्लव सर का काफी सपोर्ट मिलता है। शादी के शुरुआती सालों में पति-पत्नी को एक साथ रहकर एक दूजे को समझने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। शादी के बाद दोनों की एक जगह यह पहली पोस्टिंग है। अच्छा लगता है हम दोनों साथ हैं। लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी के अलावा अपनी टीम के साथ दोनों नक्सल ऑपरेशन पर भी जाते हैं।
सरेंडर नक्सलियों का ये जोड़ा भी है साथ
शिल्पा और देवांश की टीम में सरेंडर नक्सलियों का भी जोड़ा है। ये सभी ऑपरेशन में साथ मे जाते हैं। इनमें सुंदरी अपने पति गोपी, सुकमती पति सुभाष, सोनी पति कमलेश और सुशीला अपने पति सन्नू के साथ नक्सल ऑपरेशन में शामिल होती है।
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