भोपाल . भोपाल स्टेशन पर हुए हादसे में रेलवे की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। दरअसल, फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) का सेफ्टी ऑडिट तय पैरामीटर्स पर हुआ ही नहीं था। रेलवे की इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अफसरों ने सेफ्टी ऑडिट के दौरान सिर्फ रैंप टाइल्स और प्री-कास्ट स्लैब की टूट-फूट ही जांची, ब्रिज की मजबूती जांचना तो वे भूल ही गए। इंजीनियर्स ने एफओबी के पिलर्स पर स्लैब डालने लगाए गए आर्टिकुलेटेड स्ट्रक्चर के ज्वाइंट्स की वेल्डिंग को जांचा तक नहीं।
यह खुलासा किया है इंजीनियरिंग शाखा में कार्यरत एक इंजीनियर ने। रेलवे के ही अफसरों का कहना है कि नियमानुसार ब्रिज को ज्वाइंट, टाइल्स और प्री-कास्ट स्लैब के बीच लगाए गए मटेरियल, ज्वाइंट बेल्डिंग क्वालिटी सहित अन्य पैरामीटर्स पर जांचा जाता है, लेकिन ब्रिज की ऊंचाई ज्यादा होने और ऑडिट में वक्त लगने के चलते इंजीनियर्स सेफ्टी ऑडिट की सिर्फ खानापूर्ति करते हैं।
सीनियर डीईएन संजीव कुमार ने कराया था एफओबी का सेफ्टी आॅडिट: भोपाल रेलवे स्टेशन के एफओबी सहित दूसरे स्ट्रक्चर का सेफ्टी ऑडिट सीनियर डिवीजनल इंजीनियर (कोआर्डिनेशन) संजीव कुमार की निगरानी में हुआ था। तीन सदस्य और भी थे।
किसी का हाथ टूटा तो किसी का सिर फूटा, कइयों की कमर में चोट
घायलों का हेल्थ बुलेटिन
1. मरियम- बाएं हाथ में फ्रैक्चर, 2. नाहिदा- सीधे लोअर लिंब में फ्रैक्चर, 3. अयान- सिर में चोट और सीधे अपर लिंब में फ्रैक्चर, 4. अनुपम शर्मा- कमर में चोट, 5. खालिद वेग- सीधे लोअर लिंब में फ्रैक्चर, बेक इंजुरी, 6. सलीम उर रहमान- सीधे लोअर लिंब में सॉफ्ट इंजुरी, 7. खलील उर रहमान- माइनर सॉफ्ट इंजुरीज और सीवियर एनेक्सिटी, 8. अजय सिंह- सिंपल इंजुरी, 9. अयाज- हेड इंजुरी।
अब दे रहे सफाई...
सीनियर डीईएन कोआर्डिनेशन संजीव कुमार का कहना है कि डीआरएम उदय बोरवणकर के साथ 10 दिन पहले ही भोपाल रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया था। इस दौरान एफओबी सहित दूसरी बिल्डिंग का मुआयना भी किया था, लेकिन तब एफओबी, उसके रैंप और उस पर बिछाए गए स्लैब में कोई खामी नहीं दिखी थी।
निरीक्षण...प्लेटफॉर्म 2 पर घुसे मवेशी, मची अफरा-तफरी
प्लेटफार्म नंबर 2-3 पर डीआरएम उदय बोरवरणकर घटनास्थ्ल का मुआयना करने पहुंचे। वे जब घटना की जानकारी ले रहे थे, तभी मवेशी, प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पीएनबी एटीएम सिरे वाले गेट से घुस गए। इससे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि बाद में अफसरों ने मवेशियों को बाहर भगाया।
आंखों देखी : तेज आवाज आई और पांच सेकंड में ही स्लैब नीचे आ गया
मैं घटना स्थल से महज 10 मीटर दूर खड़ा था। तभी एफओबी का स्लैब गिर गया। आरपीएफ और जीआरपी के कर्मचारी भी घटना स्थल पर आ गए। इसके बाद मलबे में दबे लोगों को निकालने रेसक्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। - जैसा जीआरपी के कांस्टेबल संदीप तिवारी ने बताया
मैं स्टॉल पर था। इसी दौरान संपर्क क्रांति ट्रेन आ रही थी। तभी सीमेंट गिरने की आवाज आई, लेकिन जब तक उस तरफ ध्यान गया, एफओबी का कुछ हिस्सा नीचे गिर चुका था। पांच से दस सेकंड में पूरी घटना घट गई। - जैसा वेंडर अंशुमान सिंह भदौरिया ने बताया
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