Monday, 9th June 2025

चुनाव सुधार / सभी राजनीतिक दल आपराधिक मामलों के आरोपियों को उम्मीदवार बनाने की वजह वेबसाइट पर बताएं: सुप्रीम कोर्ट

Thu, Feb 13, 2020 6:08 PM

 

  • सुप्रीम कोर्ट ने दागी उम्मीदवारों के आपराधिक आंकड़ों की जानकारी चुनाव आयोग को देने का निर्देश भी दिया
  • शीर्ष कोर्ट ने 25 नवंबर को चुनाव आयोग से कहा था- आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आदेश पारित करें

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव सुधारों को लेकर गुरुवार को अहम आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए देश के सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि अपनी वेबसाइट पर आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों के चयन की वजह बताएं। साथ ही कोर्ट ने दागी उम्मीदवारों के आपराधिक आंकड़ों की जानकारी चुनाव आयोग को देने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने पहले भी आदेश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आदेश पारित करे, ताकि तीन महीने के अंदर राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट देने से रोका जा सके। सीजेआई एसए बोबडे और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए यह आदेश दिया।

याचिका में क्या था?
उपाध्याय में अपनी याचिका में कहा था कि एडीआर की ओर से प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार भारत में राजनीति के अपराधीकरण में बढ़ोतरी हुई है और 24% सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में 7,810 प्रत्याशियों का विश्लेषण करने पर पता चला कि इनमें से 1,158 या 15% ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी। इन प्रत्याशियों में से 610 या 8% के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले दर्ज थे। इसी तरह, 2014 में 8,163 प्रत्याशियों में से 1398 ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी और इसमें से 889 के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले लंबित थे।

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