Tuesday, 10th June 2025

मंदसौर / स्कूल में खेले गए नाटक में अंग्रेज बने बच्चे ने घर पहुंच भगतसिंह के रोल का किया प्रयास, फांसी लगने से मौत

Thu, Feb 6, 2020 8:04 PM

 

  • पुलिस के अनुसार खुद के नाटक का वीडियो देखते समय घटना होने की आशंका
  • प्राचार्य का दावा : पिता के कहने पर ही बच्चे को दिया था नाटक में रोल

 

मंदसौर. स्कूल के वार्षिकोत्सव में एक बालक ने शहीद भगतसिंह नाटक में अंग्रेज सिपाही का रोल किया। नाटक पूरा होने के बाद घर पहुंचा और भगतसिंह की भूमिका निभाते हुए फांसी पर लटकने का अभिनय करने की कोशिश की। इस दौरान जिस खटिया पर खड़े होकर वह फांसी की रिहर्सल कर रहा था वह अचानक खिसक गई। इससे रस्सी उसके गले में लिपट गई और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। घटना का खुलासा बालक के काका के पहुंचने पर हुआ। पास में रखे मोबाइल में इसी नाटक का वीडियो चलने से पूरी कहानी सामने आ गई। मामले में स्कूल प्राचार्य बच्चे के स्कूल नहीं आने और पिता के कहने पर नाटक में भाग दिलाने का दावा कर रहे हैं। बालक के परिजन कुछ भी नहीं कह रहे हैं। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।


1 फरवरी को बड़वन फंटा स्थित ज्ञानसागर उमावि में वार्षिकोत्सव हुआ। यहां शहीदों पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया। इसमें भोलिया निवासी प्रियांशु पिता विनोद मालवीय (12) ने भी भाग लिया। नाटक में प्रियांशु अंग्रेज सिपाही की भूमिका में था। अगले दिन रविवार दोपहर को वह खेत पर बनी टपरिया में नाटक का वीडियाे देख रहा था। यहां उसने बल्ली पर रस्सी डालकर फांसी का सीन करने का प्रयास किया। वह जिस खटिया पर खड़े होकर यह सीन कर रहा था वह दूसरी ओर से उठ गई और प्रियांशु का संतुलन बिगड़ गया। 


इससे प्रियांशु फंदे पर झूूल गया। बहुत देर तक टपरिया से बाहर नहीं आने पर खेत पर काम कर रहे प्रियांशु के काका भारतलाल ने जाकर देखा। यहां प्रियांशु फंदे पर लटका मिला। सूचना पर पुलिस पहुंची और जांच शुरू की। अफजलपुर थाने के एएसआई बीएस डामोर ने बताया मौके पर एक मोबाइल मिला जिसमें वीर भगतसिंह वाला नाटक का वीडियो था जिसमें बालक अंग्रेज की भूमिका में था। संभव है कि वह फांसी का सीन कर रहा हो और दुर्घटना हो गई। फिलहाल मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।


3 भाइयों में सबसे बड़ा है
ज्ञानसागर स्कूल के प्राचार्य अरुण जैन ने बताया प्रियांशु के पिता विनोद मालवीय लामगरा स्थित शासकीय स्कूल में शिक्षक हैं। प्रियांशु तीन भाइयों में सबसे बड़ा है लेकिन वह स्कूल कम ही आता था। उसके पिता के कहने पर ही हमने उसे नाटक में अंग्रेज सिपाही का रोल दिया। नाटक में भी फांसी वाला कोई सीन नहीं था। अब उसके दिमाग में यह बात कहां से घर कर गई यह हमारी भी समझ के परे है। मामले में प्रियांशु के पिता व काका ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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