दुर्ग. जिले के 4 डॉक्टर्स ने कोरोनावायरस के इलाज की ट्रेनिंग ली, मगर अन्य चिकित्सकों को इसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी। कोरोनावायरस के 3 संदिग्ध मरीज चीन से दुर्ग आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। जिले में लगभग 99 प्रतिशत डॉक्टर को इसकी जांच और इलाज का तरीका ही मालूम नहीं है। इस गंभीर बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 7 दिन पहले रायपुर में जिन डॉक्टर को ट्रेनिंग दी थी, उन्होंने वापस लौटकर जिला स्तर पर किसी भी तरह से इसकी जानकारी साझा नहीं की। ट्रेनिंग लेने वालों को लौटकर जिले के 40 शासकीय अस्पतालों में तैनात हर एक डॉक्टर और सहयोगी स्टाफ को कोरोनावायरस की जांच और इलाज के बारे में ट्रेंड करने को कहा गया था। फिर भी जिम्मेदार कोरोनावायरस को लेकर गंभीर नहीं हुए हैं।
मरीजों की अभी नहीं आई रिपोर्ट
कोरोनावायरस चीन से शुरू होकर अब पूरी दुनिया को अपनी जकड़ में ले चुका है। दुर्ग में तीन लोग चीन से लौटकर आए हैं। तीनों संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। चीन से उनके आने की जानकारी मिलने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए प्रत्येक का नेजल स्वाब सेंट्रल लैबोरेटरी पुणे भेजा है। रिपोर्ट आने तक सबको उनके घर पर ही आइसोलेट किया है। सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ने बताया कि हमने एडवाइजरी जारी की है। डॉक्टर पढ़ते नहीं हैं। मैं स्वयं हर बैठकों में लोगों को इससे बचाव के बारे में जानकारी दे रहा हूं। चार लोगों ने रायपुर से ट्रेनिंग ली है। हमने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली हैं।
कैसे फैलता है यह वायरस
स्वाइन फ्लू की तरह यह वायरस भी हवा के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाता है। इसकी लाइफ टाइम 14 दिन बताई जा रही है। शरीर में प्रवेश करने पर यह सबसे पहले फेफड़े को प्रभावित करता है। इसी के साथ पीड़ित का सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। आगे चलकर मल्टी आर्गन फेल्योर का केस बन जाता है। सार्क वायरस की तरह नुकसान पहुंचाने की रफ्तार इस की भी बहुत ज्यादा है। प्रदेश में 4 संदेहास्पद अब तक सामने आ चुके हैं।
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