Sunday, 8th June 2025

छत्तीसगढ़ / प्रदेश के झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में अब विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओपीडी, नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी

Thu, Feb 6, 2020 1:15 AM

 

  • 1628 स्लम्स में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल मेडिकल टीम नियमित कैंप कर रही
  • योजना के तहत प्रायवेट अस्तपालों के नामी डॉक्टर देंगे कैंप में अपनी सेवाएं 

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को नई सुविधा देने जा रहा है। हाट बाजार क्लीनिक योजना की तरह अब शहर के स्लम (झुग्गी-झोपड़ी या बस्ती वाले इलाके) में शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की सुविधा मिलेगी। इसके तहत मोबाइल मेडिकल टीम के नियमित शिविर लगाए जा रहे हैं। अब इनमें अलग-अलग बीमारियों के  विशेषज्ञ भी लोगों का निःशुल्क इलाज करेंगे। प्रदेश के 13 नगर निगमों में 12 अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। योजना के अंतर्गत निजी एवं सरकारी क्षेत्र के नामी विशेषज्ञों ने अब तक 229 शिविरों में मरीजों को निःशुल्क ओपीडी सेवाएं दी हैं।


इससे पहले सप्ताह के हर दिन प्रायवेट अस्पतालों के एक्सपर्ट डॉक्टर जिला अस्पतालों में ओपीडी सेवा दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि योजना शुरू होने के बाद से अब तक तीन हजार 233 शिविरों में प्रदेश की करीब दो लाख 16 हजार शहरी आबादी को चिकित्सा सेवा मुहैया कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल मेडिकल टीम एक हजार 628 स्लम्स में इलाज के लिए नियमित पहुंच रही है। अस्थि रोग, त्वचा रोग, हृदय रोग, स्त्री रोग, नेत्र रोग, शिशु रोग, दंत रोग, मधुमेह, कान-नाक-गला, कैंसर और न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ तथा एम.डी. मेडिसिन की निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। शिविरों में मलेरिया, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप, नेत्र विकार और गर्भवती महिलाओं की जांच के साथ ही बच्चों का टीकाकरण भी किया जा रहा है।
 

योजना के अंतर्गत पिछले चार महीनों में कुल आठ हजार 723 लोगों की मलेरिया जांच की गई है। स्लम क्षेत्रों में आयोजित शिविरों में 49 हजार 517 लोगों के उच्च रक्तचाप, 29 हजार 042 लोगों की मधुमेह, 16 हजार 617 लोगों की रक्त-अल्पता (एनिमिया), तीन हजार 851 लोगों के नेत्र विकार, 351 लोगों की टीबी, 391 लोगों की कुष्ठ और एक हजार 753 लोगों की एचआईव्ही जांच की गई है। मोबाइल मेडिकल दलों ने इस दौरान तीन हजार 852 गर्भवती महिलाओं की जांच और 936 शिशुओं का टीकाकरण किया है। डायरिया पीड़ित दो हजार से अधिक मरीजों का उपचार भी इन शिविरों में किया गया है। जांच एवं उपचार के बाद कुल एक लाख 15 हजार लोगों को निःशुल्क दवाईयां दी गई हैं। अब विशेषज्ञ डॉक्टर होने से लोगों को और बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद की जा रही है।

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