सूर्यकांत चतुर्वेदी। बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नगर निगम की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। पुरानी पेयजल लाइन, ओवरफ्लो ट्यूबवेल, लीकेज और इन सबकी अनदेखी के चलते रोज ही चार करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। खास बात यह है कि ये आंकड़ें निगम के कंसल्टेंट सिंस्टेक लिमिटेड के सर्वे में सामने आए हैं। वहीं पानी बचाने की योजना भी अधर में अटकी हुई है। इसे देखते हुए गर्मी में अब शहर के लोगों के सामने जल संकट की समस्या हो सकती है।
दरअसल, कंसल्टेंट सिंस्टेक लिमिटेड के सर्वे में सामने आया है कि अरपा के किनारे बसे पुराने नगर निगम की 461300 आबादी को रोज 54 एमएलडी के करीब पेयजल की सप्लाई 525 ट्यूबवेल और 25 पानी टंकियों से की जा रही है। शहर के विस्तार के साथ ही खपत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पुराने आंकड़े पर चलें तो कुल सप्लाई का 38.12 फीसदी यानी 20.52 एमएलडी(दो करोड़ लीटर) बर्बाद हो जाता है। सुबह शाम की सप्लाई को मिलाकर आंकड़ा 4 करोड़ लीटर के पार पहुंच जाता है।
बड़ा सवाल यह है कि एक ओर गलियों में कम पानी आने तथा नाले, नालियों से गुजरी पाइप लाइन और निर्माण कार्यों के दौरान टूट फूट के कारण गंदा, मटमैला पानी आने की समस्या से लोग परेशान हैं। सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा बदइंतजामियों की भेंट चढ़ जा रहा है। इसे बचाया जा सकता है। कंसल्टेंट ने इसके उपाय सुझाए हैं। अमृत मिशन में इसका प्रावधान भी है, पर काम योजना के अंतिम चरण में होगा, जब पाइप लाइन बिछाने और बिरकोना में ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना का काम पूरा हो जाएगा।
जानिए पानी बर्बाद होने के चार कारण
बचाने के लिए हमें ये करना होगा
भास्कर सवाल | प्रभाकर पांडेय, कमिश्नर, नगर निगम |
लीकेज सहित टंकियों से ओवर फ्लो के कारण रोज 4 करोड़ लीटर पानी बह रहा, इसे कैसे रोकेंगे? | लीकेज दुरुस्त करने निरंतर काम हो रहा है। अमृत मिशन योजना में स्कॉडा सिस्टम का प्रावधान है। योजना पूरी होते साथ सभी टंकियों में इसे लागू किया जाएगा। आपरेटरों को समय पर पंप बंद करने कहा गया है। |
अवैध कनेक्शन, सार्वजनिक कनेक्शन की टोटियों से भी बरबादी हो रही? | अवैध कनेक्शनों का नियमितीकरण कराया जा रहा है। सार्वजनिक नल क्रमश: बंद कर निजी कनेक्शन दिए जा रहे हैं। |
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