रायगढ़. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उईके ने कहा कि उन्होंने जनजाति समाज के लोगों के भोलेपन का फायदा उठाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों का दौरा कर यह देखा है। राज्यपाल ने कहा कि वेद के ज्ञान से ही हम सब मिलकर इसे रोक सकते हैं। हमारे वेद में निहित वैदिक संस्कृति से ऋषि मुनियों ने तपस्या कर शक्तियां प्राप्त की। इसके कारण ही देश भौगोलिक विविधताओं के बावजूद अनेकता में एकता का संदेश विश्व को दे रहा है। इतनी शांति किसी देश में नहीं देखने को मिलती। राज्यपाल उईके बुधवार को वेद एवं वैदिक संस्कृति महासम्मेलन में बोल रही थीं।
महर्षि सांदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन और आर्ष गुरुकुलम तुरंगा के संयुक्त प्रयास से पुसौर स्थित तुरंगा आश्रम में शुरू हुए तीन दिवसीय महासम्मेलन में राज्यपाल उईके ने कहा कि आज हम पढ़-लिखकर डिग्री तो प्राप्त कर लेते है, लेकिन अंदर के आचार, विचार और संस्कार से प्रेरित होने के लिए आध्यात्मिक शिक्षा की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि हमें जब कोई कष्ट आता है तो हम हवन और कथा कराते है। वेद में समस्याओं का समाधान, संस्कृति विरासत, निहित परोपकारी विचार का ज्ञान मिलाता है।
राज्यपाल ने कहा कि कार्यक्रम में आने के लिए मेरे पास चार माह पहले फोन आया था, तब तक मुझे विश्वास भी नहीं मै कार्यक्रम में जा पाऊंगी, छत्तीसगढ़ सरकार के पास एक हेलीकॉप्टर और एक छोटा प्लेन है, जिनमें से एक खराब है। यह संयोग ही था कि यहां आने के लिए उत्तराखंड से स्पेशल हेलीकॉप्टर मिला तो कार्यक्रम में हिस्सा ले सकी। जिसका यही मतलब है कि भावना सच्ची हो तो ईश्वर भी आपकी मदद करता है।
Comment Now