नई दिल्ली. गुरुवार को दिल्ली के जामिया इलाके में गोली चलाने वाला रामभक्त गोपाल अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर पिछले कुछ दिनों से लगातार कुछ ऐसी पोस्ट डाल रहा था, जिससे ये संकेत मिल रहे थे कि वो कुछ करने वाला है। खुद को रामभक्त और कट्टर हिंदू बताने वाले गोपाल की फेसबुक वॉल पर पिछले 5-6 दिनों में कई पोस्ट्स डाली गई थीं। 28 जनवरी को फेसबुक वॉल पर उसने लिखा था #तांडव...नाम तो सुना होगा, अब देखोगे। जामिया वाली घटना के ठीक कुछ देर पहले ही उसने अपनी प्रोफाइल में लिखा था- सभी मुझे see first कर लें।
जामिया इलाके में यूनिवर्सिटी के छात्रों का सीएए के विरोध में मार्च निकलना था। इसके ठीक पहले रामभक्त गोपाल देसी कट्टा लहराता हुआ पहुंचा और उसने एक फायर भी किया। इस घटना के भी लगभग एक घंटे पहले भी उसने लिखा था- आजादी दे रहा हूं। इस तरह की कई पोस्ट उसकी फेसबुक प्रोफाइल पर हैं। फेसबुक ने अब उसकी प्रोफाइल डिलीट कर दी है। अपनी एक पोस्ट में उसने चंदन गुप्ता का भी जिक्र किया था। इसमें उसने लिखा था-...चंदन भाई, ये आपके लिए है। एक दिन पहले 29 जनवरी को एक पोस्ट में उसने लिखा था- पहला बदला तेरा होगा भाई चंदन।
चंदन गुप्ता कौन था?
26 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में तिरंगा यात्रा के तहत विश्व हिंदू परिषद और एबीवीपी के कार्यकर्ता बाइक से रैली निकाल रहे थे। इस दौरान नारेबाजी को लेकर एक समुदाय के लोगों से उनकी बहस हो गई। तकरार में दोनों तरफ से फायरिंग, पत्थरबाजी हुई। इसमें तिरंगा यात्रा में शामिल चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई।
"मेरे घर का ध्यान रखना"
गोपाल ने जामिया में फायरिंग से पहले पोस्ट किया था "दे रहा हूं आजादी।" उसने एक पोस्ट में लिखा- "मेरे घर का ध्यान रखना" इस पोस्ट में हाथ जोड़े हुए इमोजी भी उसने लगाई। एक पोस्ट में उसने शाहीन बाग को शाहीन भाग लिखा। उसने पोस्ट किया- "शाहीन भाग, खेल खत्म"। वहीं एक अन्य पोस्ट में उसने भावुक अपील करते हुए लिखा- "मेरी अंतिम यात्रा पर, मुझे भगवा में ले जाया जाए और जय श्रीराम के नारे हों।"
गोपाल के पिता ने कहा- बेटे ने कभी लड़ाई नहीं की, वह तो पढ़ाई कर रहा था
जेवर के रहने वाले गोपाल ने फेसबुक पर रामभक्त गोपाल नाम से प्रोफाइल बना रखी है। पिता राजेंद्र शर्मा पान की दुकान चलाते हैं। उनके दो बेटे हैं गोपाल बड़ा बेटा है जो 12वीं में पढ़ता है। पिता ने कहा कि बेटे ने इससे पहले कभी किसी से लड़ाई नहीं की थी। वह तो पढ़ाई कर रहा था। वहीं, मोहल्ले के लोग कह रहे हैं कि गोपाल फेसबुक पर तीन साल से ज्यादा ही एक्टिव हो गया था।
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