अरविंद कुमार | नई दिल्ली . दिल्ली की चुनावी राजनीति में करीब तीन दशक का अनुभव रखने वाले नेता भी चुनाव मैदान में हैं। खास बात यह कि ऐसे नेताओं पर तीनों प्रमुख दलों भाजपा, कांग्रेस और ‘आप’ ने भरोसा जताया है। कुछ नेताओं ने दल बदल लिए हैं तो कुछ अपनी पहली पार्टी से ही मैदान में हैं। ऐसे विधायकों की संख्या 14 है। दिल्ली में पहला विस चुनाव 1993 में हुआ था। उस समय भाजपा बहुमत हासिल कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी। करीब 29 साल पहले उस चुनाव में विधायक बनने वाले कई नेता इस बार फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने ऐसे सात तो भाजपा ने 4 और आम आदमी पार्टी ने दो ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
विधायक |
विधानसभा क्षेत्र |
पार्टी |
ए. के. वालिया | कृष्णा नगर | कांग्रेस |
कृष्णा तीरथ | पटेल नगर | कांग्रेस |
जय किशन | सुल्तानपुर माजरा | कांग्रेस |
परवेज हाशमी | ओखला | कांग्रेस |
मतीन अहमद | सीलमपुर | कांग्रेस |
मुकेश शर्मा | विकासपुरी | कांग्रेस |
नरेश गौड़ | बाबरपुर | भाजपा |
ब्रह्म सिंह तंवर | छतरपुर | भाजपा |
सतप्रकाश राणा | बिजवासन | भाजपा |
रामनिवास गोयल | शाहदरा | आप |
शोएब इकबाल | मटिया महल | आप |
चौधरी फतेह सिंह | गोकलपुर | एनसीपी |
हारुन यूसुफ | बल्लीमारान | कांग्रेस |
रामवीर सिंह बिधूडी | बदरपुर | भाजपा |
बीजेपी ने 4 विधायकों को उतारा
दिल्ली में 1993 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 4 विधायक हैं जो फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। बाबरपुर सीट से नरेश गौड़, छतरपुर से ब्रह्म सिंह तंवर, बदरपुर से रामवीर सिंह बिधूडी और बिजवासन से सतप्रकाश राणा शामिल हैं, जो बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
आप
1993 में रामनिवास गोयल बीजेपी से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे। इस बार गोयल आप से शाहदरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। शोएब इकबाल मटियामहल सीट से जनता दल से विधायक चुने गए थे। इस बार वो आप से चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस
कांग्रेस से कृष्णा नगर से डॉ. एके वालिया, पटेल नगर से कृष्णा तीरथ, सुल्तानपुर माजरा से जय किशन, ओखला से परवेज हाशमी, सीलमपुर से चौधरी मतीन अहमद और विकासपुरी से मुकेश शर्मा मैदान में हैं। ये कांग्रेस के वो दिग्गज हैं, जो 1993 में हुए पहले चुनाव में जीत दर्ज की थी।
Comment Now