Monday, 9th June 2025

विधानसभा / बंगाल सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला चौथा राज्य, ममता ने कहा- यह कानून लोगों के खिलाफ

Tue, Jan 28, 2020 1:10 AM

 

  • पश्चिम बंगाल से पहले केरल, राजस्थान और पंजाब विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया
  • ममता बनर्जी ने कहा- वक्त आ गया है कि विपक्षी पार्टियां आपसी मतभेद भुलाकर भाजपा सरकार के खिलाफ लड़ें

 

कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए लोगों के खिलाफ है और इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। बंगाल से पहले केरल, राजस्थान और पंजाब भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुके हैं।

राजस्थान विधानसभा ने 25 जनवरी, केरल विधानसभा ने 31 दिसंबर 2019 और पंजाब विधानसभा ने 17 जनवरी को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था।

एनआरसी, एनपीआर और सीएए आपस में जुड़े हुए- ममता
ममता ने कहा- सीपीएम और कांग्रेस अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर कर लें और फासीवादी भाजपा सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ें। वक्त आ गया है कि हम अपने छोटे-मोटे मतभेद भुलाकर देश को बचाने के लिए एकजुट होकर लड़ें। एनपीआर, एनआरसी और सीएए आपस में जुड़े हुए हैं और यह नागरिकों के खिलाफ हैं। यह असंवैधानिक हैं।

"एनपीआर की बैठक में नहीं गए, भाजपा चाहे तो सरकार बर्खास्त करे"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर हो रही आलोचनाओं पर ममता बनर्जी ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी की बंगाल यात्रा के दौरान 'दीदी-मोदी एक ही सिक्के के पहलू' वाला नारा विपक्षी पार्टियों पर उल्टा प्रभाव डालेगा। मोदी से मुलाकात प्रोटोकॉल के तहत की थी। ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में दम था कि वह दिल्ली में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) पर हुई बैठक में शामिल नहीं हुआ। अगर भाजपा चाहती है तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर सकती है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery