Saturday, 24th May 2025

पिजनबोट / कबूतरों के 40 पंखों से रोबोटिक विमान बनाया, यह अपना रास्ता खुद तय कर सकता है

Sat, Jan 18, 2020 10:03 PM

 

  • पिजनबोट को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बनाया है, पक्षियों के साथ उड़ने पर फर्क करना मुश्किल है 
  • यह डाइव लगाकर फौरन ऊपर उठ सकता है, अपनी दिशा खुद तय कर सकता है 
  • शोधकर्ताओं का मानना है कि इस मशीन को बनाने का मकसद पक्षियों के जीवन को समझना है

 

कैलिफोर्निया. अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कबूतरों के 40 पंखों से एक फ्लाइंग मशीन बनाई है। यह न तो पूरी तरह पक्षी है और न ही पूरा विमान, बल्कि यह दोनों को मिलाजुला रूप है। रिसर्च टीम ने इसका नाम पिजनबोट रखा है। आर्टिफिशियल पैर और अंगुलियों के कारण यह मशीन पारंपरिक शिकारी पक्षियों की तरह हवा में कलाबाजी कर सकती है। 

वैज्ञानिकों का दावा है कि पिजनबोट उनकी तरह आवाज निकालता है। इसमें खुद अपना रास्ता तय करने और दिशा बदलने की क्षमता है। यह सीधी डाइव लगाकर फौरन ऊपर की ओर उड़ सकती है। पिजनबोट को बनाने वाले स्कॉलर एरिक चांग ने बताया, ‘‘पंक्षियों के पंख बहुत कोमल होते हैं, लेकिन मजबूत होते हैं। इन पंखों को मुकाबला हम आर्टिफिशियल पंखों से नहीं कर सकते हैं। रोबोटिक्स और विमानों में उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक विंग्स अक्सर कठोर होते हैं, जबकि एक पक्षी के पंख फुर्तीले और जल्द मुड़ जाते हैं। इसलिए हमने पिजनबोट में कबूतर के पंखों का इस्तेमाल किया है, ताकि पता कर सकें कि पक्षी इनका इस्तेमाल कैसे करते हैं। इस मशीन को बनाने का मकसद पक्षियों के जीवन को समझना है।’’

पिजनबोट के पंख टूटने पर बदले जा सकते हैं
एरिक के मुताबिक, ‘‘कबूतर अपने पंखों की बदौलत अपनी स्थिति को जरूरत के अनुसार बदलते हैं। पिजनबोट में लगे इनके पंख भी ऐसा कर सकते हैं। सभी पंख एक दूसरे से मजबूती के साथ मशीन से बंधे हैं। ये तेज हवा का सामना कर सकते हैं और टूटने पर इन्हें फिर से बदला जा सकता है। पिजनबोट में पंख लगाने से पहले रिसर्चर ने कबूतर के पंखों का एनालिसिस किया और फिर इसे पिजनबोट में इस्तेमाल किए जाने का मॉडल विकसित किया है। पिजनबोट का प्रत्येक पंख ठीक वैसे ही काम करता है जैसे जीवित कबूतर के पंख करते हैं। पिजनबोट बायोरोबोट जैसा है। यह रिसर्च जनरल्स साइंस और साइंस रोबोटिक्स में दो अगल-अलग भागों में प्रकाशित हुआ है।’’

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