रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएए, एनआरसी और एनपीए को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार लोगों को ताेड़ने का काम कर रही है। पिछला 5 साल मोदी का समय था। ये जो 7 महीने बीते हैं अमित शाह के हैं। दोनों मिलकर हिंदुस्तान के लोगों को अंग्रेजी सिखा रहे हैं। अमित शाह और मोदी के बीच मनमुटाव हो चुका है, जिससे देश पिस रहा है। एक कुछ और कहता है, दूसरा कुछ और। ऐसे में समझ नहीं आ रहा है कि किस पर भराेसा करें। मुख्यमंत्री बघेल शुक्रवार को नवनिर्वाचित पार्षदों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
राजधानी के इंडोर स्टेडियम में हो रहे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, लोकसभा चुनाव के समय पुलवामा की घटना घटी थी। उस वक्त भी सवाल किया था कि जिस सड़क पर परिंदा पर नहीं मार सकता, वहां उसी गाड़ी को टक्कर कैसे मारी गई जो बुलेटप्रूफ नहीं थी। इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि इस घटना में हमारे 70 जवान शहीद हो गए थे। डीएसपी देवेंद्र सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि जो पुलवामा की घटना के समय वहां पदस्थ था। उसी ने संसद हमले के समय अफजल गुरू को दिल्ली पहुंचाया था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जीत जितनी बड़ी है, उतना ही अपेक्षा और जिम्मेदारी का एहसास भी होना चाहिए। उन्होंने कहा, ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां किसी पार्टी ने सभी निगम जीते हों। यह रिकॉर्ड है। वरिष्ठ साथी ताम्रध्वज साहू से सीख मिली है कि ऐसे मेें बहुत सारे रिश्तेदार बन जाएंगे, उनसे सावधान रहना है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को नसीहत दी कि बच्चों के खेलकूद की व्यवस्था, वार्ड के साफ-सफाई और पर्यावरण का ख्याल रखना है। राजनीति में अगर आप जनता के नजर से ओझल हुए तो आप गायब हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, शासन की योजनाओं का अध्ययन करें, जिससे वार्ड के नागरिक तक सही जानकारी पहुंच सके। गरीब का आशीर्वाद मिलता है तो सबसे ज्यादा संतुष्टि मिलती है। आप ही हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं। इससे पहले गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने चुनावी रिश्तेदारों से सावधान रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम ही लोग नहीं जानते कौन-कौन रिश्तेदार हैं। जब जीतों तब पता चलता है कि कौन-कौन भांजा है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ में 5 साल नहीं 15- 20 साल राज करें यह चुनौती है। इसके लिए सबको मिलकर काम करना है।
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