Sunday, 8th June 2025

छत्तीसगढ़ / प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब एनिमेशन और वीडियो गेम के जरिए होगी पढ़ाई

Sat, Jan 18, 2020 9:53 PM

 

  • पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर जिले के 200 स्कूलों का किया गया चयन 
  • प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता लाने के लिए नया प्रयोग, शिक्षाप्रद गेम व फिल्में की गई तैयार
  • आईपीई ग्लोबल सेंटर फॉर नालेज एंड डेवलपमेंट की ओर से जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत की जा रही शुरुआत

 

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में अब बच्चे एनिमेशन शार्ट फिल्म और कंप्यूटर गेम से पढ़ाई करेंगे। इसके लिए दुर्ग के 100 सरकारी स्कूलों के साथ ही राजनांदगांव और रायपुर जिले के मिलाकर 200 स्कूलों का चयन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है। पहली से आठवीं तक के बच्चों में शिक्षा गुणवत्ता लाने के लिए नया प्रयोग होने जा रहा है। आईपीई ग्लोबल सेंटर फॉर नालेज एंड डेवलपमेंट की ओर से जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत इसे शुरू किया जा रहा है। इसके लिए गेम और एनिमेटेड शार्ट शिक्षाप्रद फिल्में  तैयार की गई हैं। 

डिजिटल लर्निंग का होगा किट 

  1.  

    बच्चों के लिए अंग्रेजी, विज्ञान, गणित आैर हिंदी से संबंधित डिजिटल टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाई गई है। ये मटेरियल कंप्यूटर गेम और एनिमेशन वाली रहेगी। सभी विषयों के कालखंड में उस विषय के हिसाब से टीचिंग लर्निंग मटेरियल का इस्तेमाल करेंगे। किट चयनित स्कूलों को दी जाएगी।

    इस तरह होगी कंप्यूटर गेम और एनिमेशन से पढ़ाई : डिजीटल शिक्षण सामग्री में वीडियो गेम और एनिमेटेड शार्ट वीडियो होगी। शिक्षक अपने एंड्रायड मोबाइल में लोड करेगा और उसे बच्चों को दिखाएगा। बीच-बीच में गेम या वीडियो रोक-रोक कर बच्चों से सवाल करेगा और उसका उत्तर क्या होगा इसे बताएगा। मसलन कंप्यूटर गेम में गणित का जोड़ना-घटाना भी बताया जाएगा। 

     

  2.  

    मेंटर सिखाएंगे बच्चों को पढ़ाई करने का तरीका : डिजिटल शिक्षण सामग्री का इस्तेमाल करने के लिए दुर्ग जिले में 10 मेंटर की नियुक्ति की जा रही है। एक मेंटर दस स्कूलों में जाकर डिजिटल संसाधनों का बेहतर उपयोग करना शिक्षकों को सिखाएंगे। स्कूल के शिक्षकों को कंप्यूटर गेम व एनिमेशन शार्ट फिल्म भी दिखाएंगे। 

    कमजोर बच्चों को दक्ष करने की प्लािनंग : शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कमजोर बच्चों को दक्ष करने की यह प्लानिंग की गई है। वीडियो गेम खिलाकर और एनिमेशन फिल्म दिखाने के बाद बच्चों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन भी करेंगे। उसके हिसाब से बच्चों को अलग करके उन्हें दक्ष करना है। हर बच्चों का चार्ट तैयार होगा। 

     

  3. ट्रेनिंग दी जा रही

     

     

    शिक्षा गुणवत्ता लाने के लिए दुर्ग जिले के 100 स्कूलों का चयन हुआ है। आज के दौर को देखते हुए डिजिटल गेम और एनिमेशन शार्ट फिल्मों की वीडियो के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी।
    प्रवास सिंह बघेल, डीईओ, दुर्ग 

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