रायपुर. सिलतरा के उद्योगपति प्रवीण साेमानी के अपहरण के 150 घंटे के बाद एक सफेद कार पुलिस के हाथ लगी है। पुलिस ने यह कार राजधानी के ही धरसींवा रोड से बरामद की है। लावारिस कार के नंबर के अाधार पर पुलिस उसके मालिक का पता लगा रही है। रायपुर आरटीओ में उस सीरीज का नंबर ही नहीं है। पुलिस को शक है कि गाड़ी में नंबर गलत है। चेचिस नंबर के साथ भी छेड़खानी की गई है। इस वजह से मालिक का पता लगाने में दिक्कत आ रही है। ये भी माना जा रहा है कि अपहरणकर्ताओं ने प्लानिंग के साथ वारदात के पहले कहीं से गाड़ी चोरी की और उसमें फर्जी नंबर प्लेट लगा दिया।
झाड़ियों से बरामद हुए उद्योगपति के मोबाइल से मिले दक्षिण भारत के संदिग्ध नंबर
प्रवीण साेमानी का पिछले बुधवार शाम अपहरण किया गया था। प्रवीण जब अपनी फैक्ट्री से निकले, तब दो संदिग्ध सफेद कार उनकी गाड़ी के पीछे नजर आई थी। ये कार उन्हीं में एक होने का शक है। इस बीच पुलिस को दक्षिण भारत के कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं। ये नंबर प्रवीण के मोबाइल से मिले हैं, जो परसुलीडीह में उनके कारोबारी मित्र के ऑफिस के पास झाड़ियों में मिला था। मोबाइल में मिले नंबर बंद है। इस वजह से नंबर के आधार पर जो नाम पते मिले हैं, वहां टीम भेजी जा रही है। इसके अलावा पुलिस आंध्रा और तेलंगाना के ऐसे गिरोह की जानकारी जुटा रही है, जो इस तरह की घटनाएं करते हैं।
दर्जनभर हिरासत में इनमें 3 पर लूट-डकैती के पुराने मामले
उद्योगपति प्रवीण सोमानी किडनैपिंग में पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा संदेहियों को हिरासत में लिया है। शहर के आउटर के थानों में ले जाकर सभी से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है। पुलिस की जांच में संदेहियाें का प्रवीण से कुछ न कुछ विवाद सामने आया है। इसमें कारोबार से लेकर पैसे और कुछ व्यक्तिगत विवाद भी हैं। पुलिस अधिकारी खुद संदेहियों से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस ने प्रवीण के गायब होने के अगले ही दिन सिलतरा और सिमगा की साेमानी फैक्ट्री में काम करने वाले नए-पुराने कर्मचारियों की सूची बनाई है। उसके बाद ये जानकारी जुटाई गई कि पिछले तीन चार महीने के दौरान किस-किस ने नौकरी छोड़ी और क्यों। नए स्टाफ की भी जानकारी जुटाने बाद ये पता लगाया गया कि किन किन कर्मियों ने विवाद के बाद नौकरी छोड़ी।
टारगेट कोई और अपहरण हुआ किसी और का
शहर के कारोबारी जगत में इस बात की जमकर चर्चा है कि अपहरण करने वाले गिरोह ने एक बड़े उद्योगपति का किडनैप करने की तैयारी की थी। केवल कार का रंग और आने जाने का एक ही रास्ता होने के कारण प्रवीण सोमानी गलती से अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंस गए। प्रवीण जब शिकंजे में फंस गए तब अपहरणकर्ताओं को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्हें ये भी मालूम हो गया कि प्रवीण के परिवार से मोटी रकम नहीं निकाली जा सकती। चूंकि उद्योगपति चंगुल में फंस गए थे, इस वजह से अपहरणकर्ताओं उन्हें नहीं छोड़ा अलबत्ता कुछ ही घंटों के भीतर प्रवीण की गाड़ी परसूलीडीह में लावारिस हालत में छोड़ दी। उनकी गाड़ी ले जाने पर सीसीटीवी कैमरे से फुटेज में फंसने का डर था।
कुख्यात किडनैपर से जेल में जाकर पूछताछ : रायपुर पुलिस की आधा दर्जन टीम को यूपी, बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और दिल्ली भेजा गया है। वहां जेलों में बंद अपरहण करने वाले गैंग के सदस्यों से मुलाकात की जा रही है। बिहार और यूपी के पेशेवर गिरोह की सूची बनाने के साथ ये भी पता लगा लिया गया है कि कितने गिरोह जेल में हैं और कितने फरार। उन्होंने पिछली वारदात कब की।
सोमानी फैक्ट्री।
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