रायपुर . सिलतरा के उद्योगपति प्रवीण साेमानी के अपहरण में पुलिस को बिहार के पेशेवर गिरोह पर शक है। गिरोह ने प्लानिंग के साथ पहले प्रवीण की रेकी कर उनकी दिनचर्या देखी। उसके बाद बुधवार की शाम 7 बजे जब उद्योगपति सिलतरा स्थित फैक्ट्री से निकलकर परसूलीडीह अपने कारोबारी मित्र के ऑफिस की ओर जा रहे थे, तब गाड़ी रोककर कब्जे में ले लिया। फैक्ट्री के सीसीटीवी कैमरे फुटेज में दो संदिग्ध कार प्रवीण की गाड़ी के पीछे नजर आईं थी। पुलिस को क्लू मिला है कि एक कार में उसे बिठाकर अपहरणकर्ता भाग निकले, जबकि दूसरी कार में बैठे गैंग के सदस्य उद्याेगपति की कार छोड़ने परसूलीडीह आए। कार खड़ी करने के बाद वहां से भागते समय उनका मोबाइल वहीं झाड़ियों में फेंक दिया, ताकि पुलिस को लोकेशन न मिले। शनिवार को पुलिस ने वह मोबाइल वहां खोज निकाला है।
पुलिस की अब तक की जांच में जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार अपहरणकर्ता गिरोह पिछले कुछ दिनों से लगातारर प्रवीण का पीछा कर रहा था। उन्हें मालूम था परसूलीडीह में प्रवीण किसी से मिलने आते हैं। इस रास्ते में कई सूनसान जगह है। शाम होने के बाद इस रास्ते से इक्का-दुक्का लोग ही गुजरते हैं। इस वजह से लुटेरों ने इसी रास्ते में अपहरण करने की प्लानिंग की। इस वजह से जिस दिन प्रवीण फैक्ट्री से निकलर परसूलीडीह वाले रास्ते पर आए लुटेरे दो कारों में उनके पीछे लग गए। फैक्ट्री में लगे कैमरे के फुटेज में दो संदिग्ध कार प्रवीण की कार के पीछे दिखी। एक लंबी और दूसरी कार छोटी थी। पुलिस का मानना है कि सूनसान में प्रवीण को कब्जे में लेने के बाद बड़ी कार में बिठाकर अपहरणकर्ता भाग निकले, जबकि छोटी कार में बैठे दो लोगों में एक ने प्रवीण की रेंज रोवर ड्राइव की। दोनों कार पसूलीडीह में वहां पहुंची जहां प्रवीण के कारोबारी पार्टनर का ऑफिस है।
वहां ऑफिस से 50 मीटर दूर उन्होंने कार पार्क की। पुलिस को परसूलीडीह में प्रवीण के पार्टनर के ऑफिस में लगे कैमरे में कार गुजरती दिख रही है। फुटेज में थोड़ी देर बाद एक युवक लौटकर आता दिख रहा है। छोटी सफेद कार वहीं खड़ी थी, वह भी कैमरे के फुटेज में दिखी। संदिग्ध युवक उसी कार में बैठा, फिर गाड़ी आगे बढ़ गई। ये कार भी सीसीटीवी फुटेज में दिख रही है, लेकिन उसका नंबर नहीं नजर आ रहा है। पुलिस अफसरों मानना है प्रवीण के मोबाइल को साथ रखने से लोकेशन मिलने का भय था। इस वजह से अपहरणकर्ताओं ने लौटते समय वहीं झाड़ियों में मोबाइल फेंक दिया। वही मोबाइल गुरुवार सुबह 8 बजे तक चालू था। इस वजह से उसका लोकेशन मिल गया और पुलिस शनिवार को ढूंढ निकाला। कार जहां लावारिस मिली थी, उससे करीब 500 मीटर की दूरी पर ये मोबाइल मिला है।
सीजी-10 सीरीज की संदिग्ध कार कवर्धा से चिल्फी घाटी जाते दिखी
पुलिस को संदिग्ध कार का फुटेज मिलने के साथ उसकी सीरीज भी दिख गई है। सीजी-10 सीरीज की कार धरसींवा से कवर्धा होकर चिल्फी घाटी की ओर जाते दिखी। पुलिस को अलग-अलग इलाके के फुटेज खंगालने के बाद संदिग्ध कार में दो साए दिख रहे हैं। कार घटना की रात कवर्धा के रास्ते चिल्फी घाटी की ओर जाते दिखी है। टोल में भी कार का फुटेज मिला है। इसलिए पुलिस की टीम कवर्धा के आसपास खोजबीन कर रही है। एक टीम को बेमेतरा भेजा गया है। वहां के फार्महाउस, आश्रम और ऐसे मकानों की जांच की जा रही है, जो सुनसान इलाके में है। हालांकि पुलिस को ये भी शक है कि ये संदिग्ध कार पुलिस को गुमराह करने के लिए कवर्धा की ओर भेजी गई है। इस कार का फुटेज परसुलीडीह में शाम 6.35 बजे का मिला है। यही कार 25 मिनट बाद धनेली पुल के पास शाम 7 बजे दिखाई दी, लेकिन कार सिमगा से आगे नहीं गयी। बेमेतरा-कवर्धा की ओर मुड़ गई।
बिहार और यूपी के गैंग करते हैं ऐसी वारदात
रिटायर्ड पुलिस अधिकारी बीएस जागृत ने बताया कि अपहरण की घटनाएं ज्यादातर बिहार के गिरोह करते हैं। अब यूपी और झारखंड के गिरोह भी इस तरह की घटनाएं करने लगे हैं। जिनका अपहरण करना है, उनकी पूरी जानकारी जुटाने के बाद उनकी रेकी करते है। फिर प्लानिंग की बनाकर अपहरण करते हैं। अपहरण के लिए तकरीबन तीन से चार गाड़ियां बदलते हैं। घटना में उपयोग गाड़ी को तुरंत छोड़ देते है। पुलिस को उलझाने के लिए किसी एक कार को कैमरे या घटना स्थल के आसपास घुमाते हैं। उसे ऐसे रूट में ले जाते हैं, जहां उन्हें नहीं जाना है। ताकि पुलिस गुमराह होती रहे। अपहरण के बाद राज्य छोड़ देते हैं। सुरक्षित जगह पर जाने के बाद ही किसी ऐसे राज्य से कॉल करते हैं, ताकि पुलिस उन तक पहुंच न सके। फिरौती किसी दूसरे राज्य में मंगवाते हैं। जहां पर टारगेट को बंधक करके रखते हैं, वहां से उसे दूसरे राज्य में ले जाकर छोड़ देते हैं। ताकि वह पुलिस को कुछ बता न सकें।
कार में फुट प्रिंट और मुरुम के कण
उनकी रेंज रोवर की चाबी भी पुलिस को नहीं मिली है। कार में सिर्फ उनकी एप्पल की स्मार्ट वॉच मिली है, जो मोबाइल से कनेक्ट थी। पुलिस ने वॉच को भी जांच के लिए भेजा है। कार में कुछ फुट प्रिंट और मुरुम के कण मिले हैं। उसकी भी जांच की जा रही है।
डीजीपी ने अफसरों से पूछा- कहां पहुुंची जांच
उद्योगपति अपहरण केस को लेकर डीजीपी डीएम अवस्थी ने आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, एसएसपी शेख आरिफ हुसैन, एएसपी को बुलाकर पूरी जानकारी ली और जांच के लिए कुछ आवश्यक निर्देश दिया है। डीजीपी ने बताया कि पुलिस सही दिशा में काम कर रही है। उन्हें कुछ क्लू मिला है। कारोबारी को सुरक्षित बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
35 मिनट में लेकर भाग निकले
सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दिख रहा है कि प्रवीण बुधवार शाम लगभग 6 बजे अपनी फैक्ट्री से निकले। उसके बाद गायब हो गए। उनकी कार 35 मिनट बाद उनकी कार का फुटेज परसुलीडीह में उनके रिश्तेदार व कारोबारी साझेदार साडा के रामकुटीर कालोनी के पास मिला।
फैक्ट्री से बैग लेकर निकले थे कारोबारी
सोमानी फैक्ट्री के कर्मचारियों ने बताया कि घटना के दिन बुधवार शाम 4.30 बजे प्रवीण सोमानी फैक्ट्री आए थे। मैनेजर और स्टाफ के साथ डेढ़ घंटे तक बैठे रहे। फिर 6 बजे बैग लेकर निकल गए। फैक्ट्री के वर्करों ने उन्हें बैग लेकर जाते देखा लेकिन वह बैग लावारिस मिली कार में नहीं था।
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