रायपुर. नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट और वेस्ट सप्लाई करने वाली एजेंसी नहीं मिलने पर पुलिस मुख्यालय ने 8 करोड़ के टर्नओवर की शर्त हटा ली है। इसके बदले प्रत्येक आइटम के ईएमडी की राशि का तीस गुना टर्नओवर होने की शर्त रखी है। इस नई शर्त के साथ तीसरी बार 800 बुलेट प्रूफ जैकेट व वेस्ट के लिए टेंडर जारी किया गया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए 200 बुलेट प्रूफ जैकेट व 600 वेस्ट (हॉफ जैकेट) की खरीदी के लिए पुलिस मुख्यालय ने अगस्त महीने से प्रक्रिया शुरू की थी। पहली बार जब निश्चित समय में टेंडर में भाग लेने के लिए कंपनियां नहीं आईं तो री-टेंडर किया गया। इसके बाद भी जैकेट व वेस्ट सप्लाई के लिए किसी कंपनी के साथ सौदा तय नहीं हो सका। इस वजह से टेंडर रद्द कर दिया गया। बाद में चार दिसंबर को नए सिरे से टेंडर जारी किया गया, लेकिन महीने के अंत में टर्नओवर की शर्तों में बदलाव किया गया है।
पहले जो शर्त थी, उसके मुताबिक जो कंपनी टेंडर में हिस्सा लेती उसका पिछले तीन साल का न्यूनतम औसत टर्नओवर 8 करोड़ होना था। इसके मुताबिक जैकेट या वेस्ट दोनों की सप्लाई करने पर कंपनी का टर्नओवर 16 करोड़ होना था। नई शर्त के मुताबिक ईएमडी (बयाना राशि) का तीस गुना करने पर जैकेट के लिए 1.80 करोड़ और वेस्ट के लिए 5.40 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी हिस्सा ले सकती है।
पीएचक्यू की शर्तें पूरी नहीं कर रहीं कंपनियां, इसलिए देर
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि बुलेट प्रूफ जैकेट और वेस्ट के लिए जो शर्तें रखी गई हैं, उसे कंपनियां पूरा नहीं कर पा रही हैं, इसलिए अब तक किसी एक कंपनी का नाम तय नहीं किया जा सका है। टर्नओवर की शर्तों के बारे में अधिकारियों का कहना है कि राशि ज्यादा होने के कारण कई कंपनियां हिस्सा नहीं ले पा रही थीं।
ग्लोबल टेंडर से की जा रही खरीदी
बुलेट प्रूफ जैकेट व वेस्ट की खरीदी जेम पोर्टल के माध्यम से नहीं की जाती, इसलिए ग्लोबल टेंडर जारी किया गया है। देश-विदेश की कोई भी कंपनी छत्तीसगढ़ पुलिस की शर्तों को पूरा करेगी, वह टेंडर में हिस्सा ले सकती है। बता दें कि इससे पहले बुलेट प्रूफ जैकेट के वजन को लेकर पहले जवानों को दिक्कत होती थी। ज्यादा वजन होने के कारण जवान पहनने से बचते थे, जिससे कई घटनाएं भी हुई थीं। इसे ध्यान में रखकर नई खरीदी की जा रही है।
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