Saturday, 7th June 2025

छत्तीसगढ़ / एस्ट्रोनॉट जैसा स्पेस सूट पहनकर डॉक्टर ने की सर्जरी, नासा के मानकों पर तैयार किया ऑपरेशन थियेटर

Fri, Jan 10, 2020 7:22 PM

 

  • मध्य भारत में पहली बार राजधानी रायपुर के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने शुरू किया अनोखा प्रयोग
  • ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान मरीज को संक्रमण से बचाने के लिए अपनाई अत्याधुनिक तकनीक

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित एक अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में मरीज को अंतरिक्ष में होने का अहसास हो सकता है। अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) को नासा के मानकों के आधार पर तैयार किया गया है, वहीं डॉक्टर एस्ट्रोनॉट जैसे स्पेस सूट पहनकर मरीज की सर्जरी करते हैं। इसका मकसद ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान मरीजों को संक्रमण से बचाना है। खास बात यह है कि मध्य भारत में पहली बार इस तरह का अनोखा और अत्याधुनिक प्रयोग शुरू किया गया है।

सर्जरी करने वाले डॉक्टर से भी फैल सकता है बैक्टेरियल संक्रमण 

  1.  

    दरअसल, ये सारी कवायद मरीज को छोटे से छोटे संक्रमण से बचाने के लिए की जाती है। डॉक्टर बताते हैं कि ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान इंफेक्शन होने का खतरा बहुत होता है। सर्जरी करने वाले डॉक्टर के शरीर में भी बैक्टेरिया होते हैं। जो स्किन से भी प्रभाव डाल सकते हैं। वहीं आॅपरेशन थियेटर में भी काफी सफाई होने के बावजूद संक्रमण से मुक्त नहीं कही जा सकती। ऐसे में स्पेस सूट इस संक्रमण को फैलने से रोकता है। वहीं ओटी को भी नासा के 100 मानक पर तैयार किया जाता है। 

     

  2. ओटी में  माइक्रो ऑर्गेनाइज्म फिल्टर और लेमिनार एयर फ्लो का इस्तेमाल  

     

    नासा की ओर से ऑपरेशन थियेटर के मानक तय किए गए हैं, जो कि 0 से लेकर 100 तक हैं। नासा की लैब का शून्य मानक रखा गया है, जबकि अस्पताल के हाईटेक ऑपरेशन थियेटर के लिए उनकी ओर से 100 का मानक निर्धारित है। संक्रमण रहित ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए ओटी को इस तरह से बनाया जाता है कि उसमें माइक्रो ऑर्गेनाइजम फिल्टर हो सके। साथ ही लेमिनार एयर फ्लो और हेपा (जीवाणुरहित व उच्च दक्षता कण) का इस्तेामाल करते हैं। जिसके चलते ओटी में प्यूरीफायइंग (स्वच्छ) हवा मिलती है।

     

  3. यूएस की कंपनी करती है स्पेस सूट सप्लाई, हेलमेट की कवरिंग होती है डिस्पोजेबल

     

    डॉक्टर जिस स्पेस सूट का इस्तेमाल करते हैं उसे अमेरिका की एक कंपनी से मंगाया जाता है। हर बार एक ही स्पेस सूट काम आता है, लेकिन उसके हेलमेट पर एक कवरिंग होती है। जिसे हर ऑपरेशन के बाद बदला जाता है। यह कवरिंग डिस्पोजेबल होती है यानी कि उसे नष्ट किया जा सकता है। इस स्पेस सूट की कीमत 5 से 6 लाख रुपए के बीच होती है। वहीं नासा के मानकों पर ऑपरेशन थियेटर बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है अौर इस पर करीब एक करोड़ रुपए तक का खर्च आता है। 

     

  4. विदेशों में ट्रेनिंग करने के दौरान आया आईडिया

     

     

    इस तरह के ऑपरेशन विदेशों खासकर जर्मनी और इंग्लैंड में आम बात है। अब मेट्रो सिटी में मौजूद देश के बड़े अस्पतालों ने भी इसे अपनाया है। ट्रेनिंग के लिए जर्मनी गए और वहां देखा तो इस तरह से ऑपरेशन करने का आईडिया आया। सेंट्रल इंडिया में पहली बार इस तरह से सर्जरी की जा रही है। 
    डॉ. अंकुर सिंघल, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, रायपुर। 

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery