कीव. ईरान में बुधवार को हुए विमान हादसे को यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस (यूआईए) ने तकनीकी खामी को मानने से साफ इनकार कर दिया है। एयरलाइंस के वाइस प्रेसिडेंट इहोर सोंस्नोव्स्की ने कहा कि इसकी आशंका ही नहीं है कि हादसा किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते हुआ। ईरान में हुए प्लेन क्रैश में यात्री और क्रू मेंबर समेत सभी 176 लोग मारे गए थे। विमान ने इमाम खोमैनी एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी, 3 मिनट बाद यह परांड इलाके में क्रैश हो गया।
सोंस्नोव्स्की ने यह भी कहा, ‘‘तेहरान एयरपोर्ट भी सामान्य हवाईअड्डों की तरह ही है। हम कई साल से वहां से विमान संचालन कर रहे हैं। पायलटों के पास किसी भी आपातकालीन चुनौती से निपटने की क्षमता थी। हमारे रिकॉर्ड्स बताते हैं कि विमान 2400 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। क्रू के अनुभव के लिहाज से गड़बड़ी काफी छोटी रही होगी। हम तो उसे महज इत्तेफाक भी नहीं मान सकते।’’
‘पायलटों ने लौटाना चाहा था’
बीबीसी के मुताबिक- ईरानी अफसरों की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पायलटों ने विमान को तेहरान एयरपोर्ट ले जाने की कोशिश की थी। उस वक्त विमान में आग लगी हुई थी। ईरान के सिविल एविशन ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख अली अबेदजादेह के मुताबिक, ‘‘विमान एयरपोर्ट जोन से बाहर निकला। गड़बड़ी आने के बाद वह दाहिने मुड़ा। क्रैश होते वक्त विमान ने एयरपोर्ट आने की कोशिश की थी। चश्मदीदों ने बताया कि प्लेन में क्रैश से पहले ही आग लग गई थी। पायलटों ने एयरपोर्ट लौटने की कोशिश करते वक्त कोई फोन नहीं किया था।’’
एयरलाइंस ने पायलटों का अनुभव भी बताया
‘मिसाइल स्ट्राइक, आतंकी हमले या इंजन धमाके की वजह से क्रैश हुआ विमान’
यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने कहा है कि ईरान में उसके विमान क्रैश के पीछे रूस की मिसाइल, ड्रोन की टक्कर या आतंकी हमला वजह हो सकता है। दरअसल, एक दिन पहले ही ईरान की इस्ना न्यूज एजेंसी ने विमान क्रैश का फुटेज जारी किया था। इसमें बोइंग 737-800 को नीचे गिरने से पहले ही आग के गोले में तब्दील होते देखा जा सकता है। यूक्रेन सुरक्षा परिषद के मंत्री ओलेस्की दानिलोव ने कहा कि उन्होंने ईरान में हादसे की जांच के लिए 10 से ज्यादा जांचकर्ता भेजे हैं।
ब्लैक बॉक्स ईरान के पास ही रहेगा
ईरान की एविएशन अथॉरिटी ने साफ कर दिया है कि क्रैश हुए विमान का ब्लैक बॉक्स यूआईए को नहीं सौंपा जाएगा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी कहा कि हादसे को लेकर उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जांच गहराई से होगी और कनाडा के हर सवालों के जवाब देना होगा।
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