Tuesday, 10th June 2025

मुंबई / डीआईजी मोरे के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराने वाली नाबालिग घर से लापता, सुसाइड नोट छोड़ा

Wed, Jan 8, 2020 8:17 PM

 

  • पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ने सुसाइड नोट में डीआईजी मोरे के दबाव में आकर आत्महत्या करने की बात लिखी

  • 2019 में डीआईजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें नाबालिग ने अभद्र आचरण का आरोप लगाया था

 

मुंबई. डीआईजी निशिकांत मोरे के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराने वाली नाबालिग लड़की सोमवार रात से मुंबई स्थित अपने घर से लापता है। परिजन ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। लड़की का एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने डीआईजी के दबाव में आकर आत्महत्या करने की बात लिखी है। डीआईजी मोरे वर्तमान में पुणे स्थित मोटर वाहन विभाग में तैनात हैं, उन्होंने पीड़ित के आरोपों को बेबुनियाद बताया।

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित सोमवार रात 11.30 बजे से घर से लापता है। पीड़ित ने नोट में लिखा, ‘‘आप सभी के अपमान (इस प्रकरण के चलते) के लिए मैं सॉरी बोल रही हूं, मुझे ढूंढना मत। मैं अब नहीं मिलूंगी और न मैं इस लाइफ में रहना चाहती हूं, इसलिए मेरे बिना जीना सीख लेना।’’ पीड़ित और डीआईजी के परिवार के बीच पारिवारिक संबंध थे। दोनों परिवारों के बीच संपत्ति को लेकर भी विवाद चल रहा है।

60 पुलिसकर्मी लड़की की तलाश में जुटे 

पुलिस के अनुसार, पीड़ित ने ट्रेन के नीचे आकर जान देने की बात भी पत्र में लिखी है। पत्र में लड़की ने आत्महत्या के पीछे डीआईजी को जिम्मेदार ठहराया है। लड़की ने पत्र में अपने नाम के साथ 6 जनवरी की रात 12 बजे का समय भी लिखा है। सुसाइड नोट मिलने के बाद 60 पुलिसकर्मी लड़की की तलाश में जुटे।

26 दिसंबर 2019 को दर्ज हुआ था मुकदमा
मामला 26 दिसंबर 2019 को पहली बार सामने आया था। मुंबई के तलोजा पुलिस स्टेशन में पीड़ित और उसके परिवार ने डीआईजी मोरे के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि, एफआईआर घटना के छह महीने बाद दर्ज कराई गई थी। इसके मुताबिक, पीड़ित के घर में 5 जून, 2019 को पारिवारिक समारोह में डीआईजी ने उसके चेहरे पर केक लगाने के बाद अभद्र आचरण किया था।

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