भिलाई. छत्तीसगढ़ में खेल संघ का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार वालीबॉल संघ ने यह कारगुजारी की है। पहले तो तय समय पर राज्य स्तरीय मुकाबला नहीं करवा सके। बावजूद इसके टीम को सीधे नेशनल खेलने भेज दिया। नेशनल में भी छत्तीसगढ़ को प्री क्वार्टर फाइनल में ही हार मिली। इस पूरे मामले का खुलासा ट्रायल होने पर हुआ। संघ ने आचार संहिता के कारण फाइनेंसर नहीं मिलने का हवाला दिया। अब नेशनल खेल चुके खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय मुकाबला 11 जनवरी को बलौदाबाजार में कराने की तैयारी की जा रही है।
किसी भी खेल में नेशनल के लिए टीम बनाने खिलाड़ियों को हर स्तर पर परखा जाता है। जिसके लिए पहले जिला स्तरीय मुकाबले खेले जाते हैं। जिसमें बेस्ट खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय मुकाबले के लिए तैयार किया जाता है। राज्य स्तरीय मुकाबले में सभी जिलों के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखा जाता है। जहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नेशनल के लिए सिलेक्ट किया जाता है। यही प्रक्रिया पूरे देश में अपनाई जाती है।
प्रदेश में आचार संहिता लगे होने के कारण किसी भी पार्टी या प्रशासन से मदद नहीं मिलने के कारण राज्य स्तरीय मुकाबला दंतेवाड़ा में कराने की तैयारी थी। काफी दिनों तक फाइल भी चली। 23 से 25 लाख रुपए की स्वीकृति का मामला होने के कारण लेट भी हुआ। अंत में इस राशि की स्वीकृति एनएमडीसी ने नहीं दी। जिसके बाद स्टेट चैंपियनशिप हुए ही नहीं। बताया गया कि फाइनेंसर तक नहीं मिले।
दुर्ग जिला वालीबॉल संघ के सचिव विनोद नायर ने बताया कि सीधे नेशनल खेलने के लिए राज्य की टीम का ट्रॉयल रायपुर में 13 दिसंबर को लिया गया था। जिसमें दुर्ग जिले से हिस्सा लेने 15 खिलाड़ी गए थे। 10 दिन का कैंप भिलाई में लगाया गया था। जिसके बाद राज्य की टीम भुवनेश्वर में नेशनल खेलने टीम पहुंची थी। अब फिर से रविवार को स्टेट खेलने के लिए दुर्ग की टीम का ट्रायल कराया गया है।
प्रदेश में आचार संहिता के कारण पहली बार स्टेट चैंपियनशिप नहीं करा सके। दंतेवाड़ा में एनएमडीसी यह आयोजन कराने वाला था। इस स्टेट चैंपियनशिप के बाद खिलाड़ियों को सिलेक्ट करेंगे।अकरम खान, सचिव छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ
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