भोपाल. सरकारी जमीन दिलाने के नाम पर सिविल कॉन्ट्रेक्टर से 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोप एक वकील पर लगा है। जिसने कलेक्टोरेट के अफसरों से अच्छी पहचान होने का हवाला देकर कॉन्ट्रेक्टर को झांसे में लिया था। इसके एवज में तीस लाख रुपए मांगे थे, जो कॉन्ट्रेक्टर ने अपना एक मकान बेचकर अदा भी कर दिए, लेकिन न तो उन्हें जमीन मिली और न ही पैसे वापस हुए।
अदालत के आदेश पर अजाक थाना पुलिस ने वकील समेत तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया है। ये गड़बड़ी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग निवासी 39 वर्षीय रामअवतार के साथ हुई है। वह सिविल कॉन्ट्रेक्टर हैं। वकालत करने वाले पूर्व परिचित शाहिद शेख ने रामअवतार को एक सरकारी जमीन दिलाने का झांसा दिया था। कहा था कि मेरी कलेक्टोरेट के अफसरों से अच्छी पहचान है।
टीआई रेणु मुराब ने बताया कि इसके लिए शाहिद ने रामअवतार से 30 लाख रुपए मांगे थे। रामअवतार ने इतनी रकम न होने की बात कही तो शाहिद ने उन्हें हिनौतिया स्थित मकान बेचने की सलाह दी। झांसे में आए रामअवतार ने उक्त मकान 18 लाख रुपए में बेच दिया। इसमें 12 लाख रुपए और मिलाकर तीस लाख रुपए शाहिद को दे दिए। तय समय के बाद भी उन्हें न जमीन मिली और न ही रकम लौटाई गई।
उल्टा जातिसूचक शब्दों से उन्हें अपमानित भी किया जाता रहा। इस संबंध में रामअवतार ने अदालत में एक परिवाद दायर किया था। अदालत के आदेश पर अजाक थाना पुलिस ने शाहिद, उनकी पत्नी और पिता के खिलाफ केस दर्ज किया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने वकील समेत 3 पर दर्ज किया धोखाधड़ी का केस
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