दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में किसानों से जबरन कर्ज वसूली के कई मामले सामने आ रहे हैं। किसानों को जानकारी दिए बिना ही उनके खाते से पैसे निकाले जा रहे हैं। धान बेचने के बाद किसानों को अपने पैसे के लिए दूसरी समस्या से जूझना पड़ रहा है। सरकार का आदेश है कि कर्ज के पैसे सहमति लेकर ही वसूले जाएं। किसान जब अपने पैसे निकालने बैंक पहुंच रहे तब उन्हें खाते से निकाले गए कर्ज के बारे में जानकारी दी जा रही है।
दुर्ग जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत दुर्ग, बालोद और बेमेतरा जिले के 281 केंद्रों में धान खरीदी की जा रही है। 182 सहकारी समितियों में किसानों के बचत बैंक खाते में पैसे डाले जा रहे हैं, और किसानों से कर्ज वसूला जा रहा। इन सहकारी समितियों में 3 लाख 30 हजार 171 किसानों के बैंक खाते हैं। इन पंजीकृत किसानों से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्ज वसूली कर रहा है। मालूद निवासी बाबूलाल साहू ने धान बेचा। इस किसान से कर्ज के पैसे बिना सहमति के काट ली गई।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ एसके निवसरकर ने बताया कि हम किसी भी किसान के कर्ज के पैसे बिना सहमति के काट नहीं रहे। किसानों ने जो खाता नंबर दिया है उसी में पैसे जा रहे हैं। किसान का दायित्व है कि यदि खाते दूसरे बैंक में है तो उसे सुधरवाएं। हालांकि भिलाई तीन सोसायटी में किसान रमेश कुमार, बाबूलाल सहित 100 से ज्यादा किसानों के खाते थे। मुरमुंदा सोसायटी का खाता खोला गया। लेकिन किसानों के पुराने खाते में ही कर्ज वसूली की गई।
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